Updated on: 23 July, 2025 07:35 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
भारत ने पाँच साल पहले कोविड-19 महामारी के कारण चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीज़ा निलंबित कर दिया था. पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के मद्देनजर प्रतिबंध जारी रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग. फ़ाइल चित्र
भारत ने घोषणा की है कि वह इस सप्ताह से चीनी नागरिकों को पर्यटक वीज़ा जारी करना फिर से शुरू करेगा - यह कदम गलवान घाटी में 2020 में हुई सैन्य झड़पों के बाद गंभीर तनाव में आए द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के प्रयासों के तहत उठाया गया है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने पाँच साल पहले कोविड-19 महामारी के कारण चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीज़ा निलंबित कर दिया था. हालाँकि, पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के मद्देनजर प्रतिबंध जारी रहे. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि चीनी नागरिक गुरुवार से पर्यटक वीज़ा के लिए आवेदन कर सकेंगे.
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रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिसूचना में, वीज़ा के लिए आवेदन करने की आवश्यक प्रक्रियाओं के साथ-साथ बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझू स्थित संबंधित भारतीय वीज़ा आवेदन केंद्रों पर जमा किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेज़ों के बारे में भी बताया गया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यह सीमा पार यात्रा को सुगम बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में भारत के फैसले पर एक सवाल के जवाब में कहा, "यह एक सकारात्मक कदम है." रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "सीमा पार यात्रा को आसान बनाना सभी पक्षों के हितों में है. चीन दोनों देशों के लोगों के बीच आदान-प्रदान को सुगम बनाने के लिए भारत के साथ संवाद और समन्वय बनाए रखने के लिए तैयार है." भारत द्वारा पर्यटक वीज़ा पुनः आरंभ करने का निर्णय विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ व्यापक वार्ता के लगभग डेढ़ सप्ताह बाद आया.
जयशंकर 14-15 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन गए थे, जहाँ उन्होंने चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग के साथ बातचीत की और कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर सामान्यीकरण से पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में, दोनों पड़ोसियों ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं, जो जून 2020 में दोनों सेनाओं के बीच हुई घातक झड़पों के बाद बुरी तरह से बिगड़ गए थे.पिछले साल अक्टूबर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच गतिरोध समाप्त होने के बाद संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास शुरू किए गए थे. वांग के साथ बैठक में अपने प्रारंभिक भाषण में, जयशंकर ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए दोनों पक्षों को "दूरदर्शी दृष्टिकोण" अपनाने की आवश्यकता है. जून में, दोनों पक्षों ने लगभग पाँच वर्षों के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू की.
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