Updated on: 03 October, 2025 08:20 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
जनरल द्विवेदी ने राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ में सैनिकों को कड़े शब्दों में संबोधित करते हुए कहा कि एक देश के रूप में भारत इस बार पूरी तरह तैयार है.
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, तब पूरी दुनिया उसके साथ खड़ी थी। चित्र/X
पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा कि अगर पड़ोसी देश विश्व मानचित्र पर अपनी जगह बनाए रखना चाहता है, तो उसे अपनी धरती पर आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद करना होगा. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार जनरल द्विवेदी ने राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ में सैनिकों को कड़े शब्दों में संबोधित करते हुए कहा कि एक देश के रूप में भारत इस बार पूरी तरह तैयार है. और इस बार, वह ऑपरेशन सिंदूर 1.0 के दौरान दिखाए गए संयम को नहीं दिखाएगा. इस बार हम एक कदम आगे बढ़ेंगे और इस तरह से कार्रवाई करेंगे जिससे पाकिस्तान को यह सोचना पड़ेगा कि वह विश्व मानचित्र पर बना रहना चाहता है या नहीं.
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रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अगर पाकिस्तान विश्व मानचित्र पर अपनी जगह बनाए रखना चाहता है, तो उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद को रोकना होगा. सेना प्रमुख ने सैनिकों से तैयार रहने को कहा. उन्होंने कहा, "अभी से पूरी तरह तैयार रहो, अगर ईश्वर ने चाहा तो मौका जल्द ही आएगा." जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया को पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों की मौजूदगी के सबूत मुहैया कराए थे. उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत ने ये सबूत उजागर नहीं किए होते, तो पाकिस्तान ये सब छिपा लेता.
सेना प्रमुख ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, तब पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी थी. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर नौ ठिकानों पर हमला किया, जिनमें से सात थल सेना ने और दो वायुसेना ने किए.
जनरल द्विवेदी ने कहा, "हमने ठिकानों की पहचान इसलिए की थी क्योंकि हम सिर्फ़ आतंकवादियों को नुकसान पहुँचाना चाहते थे. हमारा लक्ष्य उनके ठिकानों पर हमला करना था. हमें आम पाकिस्तानी नागरिकों से कोई शिकायत नहीं है, बशर्ते उनका देश आतंकवादियों को प्रायोजित न करे. चूँकि आतंकवादियों को प्रायोजित किया जा रहा था, इसलिए उन आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया गया." रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वालों से अपनी अपील के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "हम सीमा पर रहने वालों को आम नागरिक नहीं, बल्कि सैनिक मानते हैं. इसका मतलब है कि वे युद्ध में हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. यह बेहद ज़रूरी है क्योंकि आने वाला संघर्ष सिर्फ़ सेना का नहीं, बल्कि पूरे देश का संघर्ष है." सेना प्रमुख ने कहा कि इतिहास गवाह है कि 1965 और 1971 के युद्धों में आम नागरिक सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे थे. उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि आने वाले दिनों में भी वे हमारे साथ जुड़ें. मैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ - उनका जोश हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ाता है."
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