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सिंधुदुर्ग में बिल्लियों के अंग बेचने वाले शिकारियों का पर्दाफाश, वार्डन की भूमिका अहम

Updated on: 03 October, 2025 01:03 PM IST | Mumbai
Ranjeet Jadhav | ranjeet.jadhav@mid-day.com

महाराष्ट्र में मानद वन्यजीव वार्डन रोहन भाटे ने सिंधुदुर्ग में शिकार गिरोह का पर्दाफाश कर वन विभाग को बड़ी सफलता दिलाई.

आरोपियों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.

आरोपियों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.

महाराष्ट्र में वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में एक बड़ी सफलता तब मिली जब सातारा के मानद वन्यजीव वार्डन रोहन भाटे ने कोंकण क्षेत्र में चल रहे एक शिकार गिरोह का पर्दाफाश करने और उसे ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई. एक विशिष्ट सूचना पर कार्रवाई करते हुए, वार्डन ने खुद को एक संभावित खरीदार बताया और सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली तालुका में बड़ी बिल्लियों के शरीर के अंगों को बेचने की कोशिश कर रहे शिकारियों के एक समूह को पकड़ने के लिए वन विभाग के साथ समन्वय किया.

इस घटना ने क्षेत्र में वन्यजीव तस्करों के एक संगठित नेटवर्क की मौजूदगी को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं. भाटे ने कहा कि उन्हें अपने सूत्रों से सूचना मिली थी कि कुछ लोग जंगली बिल्लियों के नाखून और कैनाइन दांत बेचने की कोशिश कर रहे हैं. भाटे ने कहा, "मुझे मिली जानकारी के आधार पर, मैंने खुद को एक संभावित खरीदार बताया और उस समूह से संपर्क किया जो नाखून और कैनाइन दांत बेचने की कोशिश कर रहे थे. मैंने इसकी सूचना वन विभाग को दी और हमने अपराधियों को पकड़ने की योजना बनाई." भाटे ने बताया कि मंगलवार को कथित विक्रेता को सौदा पक्का करने के लिए कंकावली तालुका के डमरे गाँव के पास बुलाया गया.


वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "वन विभाग ने जाल बिछाया और चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया. अधिकारियों ने आरोपियों के पास से बड़ी बिल्लियों (संभवतः तेंदुओं) के नाखून और कैनाइन भी बरामद किए. आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है."



गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कंकावली तालुका के फोंडाघाट निवासी विजय महादेव हल्दीवे, कोल्हापुर के राधानगरी के अकनूर निवासी कृष्णत भीकाजी रेपे, कर्नाटक के बेलगाम के गलतागा निवासी तौफीक अलाउद्दीन सनदी और बेलगाम जिले के ही परशुराम प्रकाश बोधले के रूप में हुई है.

वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं और विभाग यह भी पता लगाने के लिए पूछताछ कर रहा है कि क्या आरोपियों का इलाके में किसी अन्य वन्यजीव अपराध से कोई संबंध है या वे किसी बड़े गिरोह का हिस्सा हैं.


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