Updated on: 01 October, 2025 09:08 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं और बलिराजा गहरे संकट में है. इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तुरंत राहत, पूर्ण कर्ज़माफी और सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है.
X/Pics, Supriya Sule
राज्य में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से किसानों और आम नागरिकों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. खेतों में खड़ी फसलें बह गई हैं और किसान गहरे संकट में है. नागरिकों को भी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस कठिन परिस्थिति में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की ओर से किसानों और बाढ़ग्रस्त नागरिकों के लिए प्रारंभिक सहायता के रूप में सात से दस ट्रक कृषि और आवश्यक वस्तुओं से भरे हुए मुंबई से रवाना किए गए.
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इस अवसर पर सांसद सुप्रिया सुले ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “पवार साहब ने पहले ही राज्य सरकार को बाढ़ और सूखा दोनों परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए दो विस्तृत पत्र भेजे हैं. इनमें किसानों और नागरिकों की मदद के लिए आवश्यक उपायों का उल्लेख किया गया है.”
सरकारने शेतकऱ्यांना तातडीने मदत करावी. pic.twitter.com/tkBRdDDR6U
— Nationalist Congress Party - Sharadchandra Pawar (@NCPspeaks) September 30, 2025
सुप्रिया सुले ने बताया कि दो महीने पहले उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर महाराष्ट्र को सूखाग्रस्त घोषित करने और किसानों की पूर्ण कर्ज़माफी की मांग रखी थी. लेकिन अब भारी बारिश और बाढ़ ने स्थिति और गंभीर कर दी है. उन्होंने कहा, “अब हमें दो स्तरों पर काम करना होगा. पहला, सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों का पूरा कर्ज़ माफ़ किया जाए. दूसरा, पुनर्वास की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं.”
उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि वह प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से पीड़ित किसानों और नागरिकों को सीधी आर्थिक सहायता दे सकती है. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों को ₹50,000 प्रति एकड़ की मदद दी है. महाराष्ट्र सरकार चाहे तो इस मॉडल का अनुसरण कर सकती है. सुले ने बताया कि उन्होंने इस विषय पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाक़ात की है और मुख्यमंत्री ने भी प्रधानमंत्री से चर्चा की थी. लेकिन उसके बाद क्या प्रगति हुई, यह स्पष्ट नहीं है.
संकट में संवेदनशीलता ज़रूरी
सुप्रिया सुले ने आगे कहा कि बाढ़ ने किसानों को बर्बाद कर दिया है और यह समय नियम-कायदे थोपने का नहीं बल्कि मानवता दिखाने का है. उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि सरकार इतनी लापरवाही क्यों बरत रही है. बाढ़ पीड़ितों को तुरंत मदद मिलनी चाहिए. पूर्ण कर्ज़माफी और तत्काल सूखा राहत की घोषणा की जाए. लोगों को खड़ा करने के लिए पुनर्वास की आवश्यकता है. स्कूल-कॉलेज बनने चाहिए, लड़कियों को नोटबुक मिलनी चाहिए और डीबीटी की सुविधा का उपयोग करना चाहिए.”
सरकार पर सवाल
सुले ने राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि वे पिछले एक साल से लगातार इस मुद्दे को उठा रही हैं. “अगर उद्योगपतियों के हज़ारों करोड़ रुपए माफ़ किए जा सकते हैं, तो मेहनती किसानों को न्याय क्यों नहीं? सरकार किसानों के साथ इतना अन्याय क्यों कर रही है?”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह समय राजनीतिक आलोचना का नहीं बल्कि आपसी सहयोग और पीड़ितों की मदद का है. “गाँव के सभी लोगों की मदद करना हमारी प्राथमिकता है. यह समय हाथ मिलाने का है, न कि कानून-कायदे थोपने का.”
राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सुप्रिया सुले ने सरकार से तुरंत ठोस कदम उठाने और किसानों के साथ-साथ आम नागरिकों को राहत देने की अपील की.
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