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Kerala: प्रधानमंत्री मोदी ने किया वायनाड के आपदा प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण

Updated on: 10 August, 2024 03:50 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

पीएम मोदी ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर में सवार होकर भूस्खलन से तबाह हुए चूरलमाला, मुंडक्कई और पंचिरिमट्टम बस्तियों का हवाई सर्वेक्षण किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने किया हवाई सर्वेक्षण

प्रधानमंत्री मोदी ने किया हवाई सर्वेक्षण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तरी केरल के इस जिले के आपदा प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया, जहां भूस्खलन ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर में सवार होकर भूस्खलन से तबाह हुए चूरलमाला, मुंडक्कई और पंचिरिमट्टम बस्तियों का हवाई सर्वेक्षण किया, जिस पर सवार होकर वे सुबह करीब 11.15 बजे कन्नूर हवाई अड्डे से वायनाड के लिए रवाना हुए.

रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी के साथ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्रीय पर्यटन और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी भी थे. हवाई सर्वेक्षण के बाद, वे कलपेट्टा में एसकेएमजे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में उतरेंगे, जहां से पीएम मोदी सड़क मार्ग से केरल के कुछ भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे.


सर्वेक्षण के दौरान, पीएम मोदी ने भूस्खलन के उद्गम स्थल, इरुवाझिंजी पुझा (नदी) को देखा. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों पंचिरिमट्टम, मुंडक्कई और चूरलमाला का भी निरीक्षण किया.हवाई सर्वेक्षण के बाद, प्रधानमंत्री आपदा से प्रभावित जमीनी स्थानों का दौरा करेंगे और वर्तमान में चल रहे निकासी अभियानों के बारे में बचाव दलों से जानकारी प्राप्त करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी प्रभावित लोगों के लिए प्रभावी सहायता सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में पुनर्वास प्रयासों की देखरेख भी करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी राहत शिविर और अस्पताल का भी दौरा करेंगे, जहाँ वे भूस्खलन के पीड़ितों और बचे लोगों से मिलेंगे और उनसे बातचीत करेंगे. 


अपने साइट दौरे के बाद, प्रधानमंत्री मोदी एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जहाँ उन्हें घटना और चल रहे राहत प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक उनका दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब केरल सरकार ने आपदाग्रस्त क्षेत्र में पुनर्वास और राहत कार्य के लिए 2,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी है. 30 जुलाई को केरल में हुए भूस्खलन में कम से कम 226 लोगों की मौत हो गई और कई लापता हैं. इसे दक्षिणी राज्य को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है.

तिरुवनंतपुरम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि केंद्र सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा और गंभीर आपदा घोषित करने का अनुरोध किया है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, केरल सरकार ने वायनाड जिले के मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में भूस्खलन से प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता देने का आश्वासन दिया है और उन्हें दूसरे स्थान पर बसाने में मदद की है.


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