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विस्तार में जानें ऑपरेशन सिंदूर के टार्गेट्स, कसाब और हेडली को ट्रेन करने वाले कैंप भी तबाह

Updated on: 07 May, 2025 05:11 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

एक प्रेस वार्ता में बुधवार की सुबह विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने भारत के `ऑपरेशन सिंदूर` के बारे में विस्तृत जानकारी दी, जिसमें सेना ने आतंकी शिविरों पर हमला किया.

विदेश सचिव विक्रम मिस्री, सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ बुधवार को नई दिल्ली में `ऑपरेशन सिंदूर` के संबंध में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में.तस्वीर/पीटीआई

विदेश सचिव विक्रम मिस्री, सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ बुधवार को नई दिल्ली में `ऑपरेशन सिंदूर` के संबंध में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में.तस्वीर/पीटीआई

जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों (ज्यादातर पर्यटक) की मौत के करीब एक पखवाड़े बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में नौ आतंकी शिविरों पर सैन्य हमले किए. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार एक प्रेस वार्ता में बुधवार की सुबह विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने भारत के `ऑपरेशन सिंदूर` के बारे में विस्तृत जानकारी दी, जिसमें भारतीय सेना ने आतंकी शिविरों पर हमला किया. 

रिपोर्ट के मुताबिक विंग कमांडर सिंह ने कहा, "पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था. नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया और सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया... नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान से बचाने और किसी भी नागरिक की जान जाने से बचने के लिए स्थानों का चयन किया गया." एक-एक करके आतंक पर हमला


टार्गेट 1: कोटली (POJK) में अब्बास आतंकी शिविर


नियंत्रण रेखा (LoC) से 13 किमी दूर स्थित, कोटली में अब्बास आतंकी शिविर लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आत्मघाती हमलावरों को प्रशिक्षित करने का एक ‘तंत्रिका केंद्र’ है और 50 से अधिक आतंकवादियों के लिए एक प्रमुख प्रशिक्षण बुनियादी ढांचा है.

टार्गेट 2: मुजफ्फराबाद (POJK) में शावाई नाला शिविर


कर्नल कुरैशी ने कहा कि मुजफ्फराबाद में शावाई नाला शिविर में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी रहते हैं. उन्होंने कहा, "20 अक्टूबर, 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर, 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को यहां प्रशिक्षित किया गया था." 

टार्गेट 3: मुजफ्फराबाद (POJK) में सैयदना बिलाल कैंप

यह कैंप जैश-ए-मोहम्मद के लिए "हथियार, विस्फोटक और जंगल प्रशिक्षण केंद्र" के रूप में काम करता था.

टार्गेट 4: कोटली (POJK) में गुलपुर कैंप

LoC से लगभग 30 किमी दूर स्थित, यह LeT सुविधा 20 अप्रैल, 2023 को पुंछ हमले और 9 जून, 2024 को तीर्थयात्रा बस हमले से जुड़ी है.

टार्गेट 5: भीमबर (POJK) में बरनाला कैंप

यह कैंप हथियारों, IED और जंगल में जीवित रहने के प्रशिक्षण का केंद्र था.

टार्गेट 6: सियालकोट में सरजाल कैंप

अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 6 किमी दूर स्थित, पाकिस्तान के सियालकोट में सरजाल कैंप ने मार्च में जम्मू-कश्मीर पुलिस पर हमले में शामिल आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया था. हमले में चार पुलिसकर्मी मारे गए थे.

टार्गेट 7: महमूना जोया कैंप, सियालकोट

अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 8-12 किलोमीटर दूर स्थित यह कैंप हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के लिए एक प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र था, जो जम्मू में लगातार हमले करते थे. 2015 के पथकोट हमले की योजना भी इसी कैंप से बनाई गई थी.

टार्गेट 8: मरकज तैयबा, मुरीदके (पाकिस्तान पंजाब)

अजमल कसाब और डेविड हेडली सहित 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आतंकवादियों को यहीं प्रशिक्षित किया गया था.

टार्गेट 9: बहावलपुर (पाकिस्तान पंजाब) में मरकज सुभानल्लाह

अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 किलोमीटर दूर, जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय आतंकवादियों के लिए भर्ती, प्रशिक्षण और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करता था. संगठन के शीर्ष आतंकवादी इस कैंप में आते थे.

अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत 7 मई को राष्ट्रव्यापी सुरक्षा अभ्यास करेगा. रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को भाजपा ने लोगों से 7 मई को होने वाले सुरक्षा अभ्यास में शामिल होने का आग्रह किया. यह अभ्यास केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सुरक्षा अभ्यास आयोजित करने के लिए कहा गया था, ताकि 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच किसी भी "शत्रुतापूर्ण हमले" के लिए तैयार रहा जा सके. 

सुरक्षा अभ्यास जनता को आत्मरक्षा जागरूकता और नागरिक सुरक्षा कौशल के साथ सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. रिपोर्ट के मुताबिक यद्यपि यह शत्रुतापूर्ण खतरों का सामना करने के लिए भारत की तत्परता का संकेत देता है, फिर भी परिचालन सुरक्षा अभ्यास से संबंधित विवरण अभी तक सार्वजनिक रूप से प्रकट नहीं किया गया है.

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