Updated on: 17 April, 2025 09:35 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
उन्होंने कहा कि केंद्रीय रक्षा मंत्री शाम करीब 4.30 बजे छत्रपति संभाजीनगर के चिकलथाना हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रतिमा का उद्घाटन करने के लिए छत्रपति संभाजीनगर के चिकलथाना हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे. फाइल फोटो/X
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर शहर का दौरा करेंगे, जहां वह राजपूत योद्धा राजा महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि केंद्रीय रक्षा मंत्री शाम करीब 4.30 बजे छत्रपति संभाजीनगर के चिकलथाना हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे.
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रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद राजनाथ सिंह शाम 5 बजे छत्रपति संभाजी नगर में सिडको के कनॉट प्लेस में 16वीं सदी के मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. अधिकारी ने कहा कि शाम 6 बजे उनका एक होटल में रक्षा उद्योग के प्रतिनिधियों से बातचीत करने का भी कार्यक्रम है. उन्होंने कहा कि इसके बाद वह शाम करीब 7 बजे लखनऊ के लिए उड़ान भरेंगे. इस बीच, राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि इस साल भारत के रक्षा उत्पादन का मूल्य 1.60 लाख करोड़ रुपये को पार करने की उम्मीद है और 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपये के सैन्य हार्डवेयर का निर्माण करने का लक्ष्य है.
उन्होंने कहा कि भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा और एक रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगा जो न केवल देश की जरूरतों को पूरा करेगा बल्कि रक्षा निर्यात की क्षमता को भी मजबूत करेगा. रिपोर्ट के अनुसार सिंह `द वीक` पत्रिका द्वारा आयोजित `डिफेंस कॉन्क्लेव 2025 - फोर्स ऑफ द फ्यूचर` में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, "इस साल रक्षा उत्पादन 1.60 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाना चाहिए, जबकि हमारा लक्ष्य वर्ष 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण बनाना है."
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमताएं राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक स्वायत्तता के उद्देश्य से हैं, लेकिन वे विनिर्माण को वैश्विक "आपूर्ति झटकों" से भी बचा रही हैं. उन्होंने घोषणा की, "हमारा रक्षा निर्यात वर्ष 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाना चाहिए." रिपोर्ट के मुताबिक राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की बढ़ती रक्षा क्षमता का उद्देश्य संघर्ष को भड़काना नहीं है. पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा, "हमारी रक्षा क्षमताएं शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए एक विश्वसनीय प्रतिरोध की तरह हैं. शांति तभी संभव है जब हम मजबूत बने रहें."
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