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महाराष्ट्र सरकार का बड़ा कदम: मादक पदार्थों के मामलों में किशोरों की कानूनी आयु 16 वर्ष करने की योजना

Updated on: 15 July, 2025 09:32 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

महाराष्ट्र सरकार मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों में किशोरों की कानूनी आयु घटाकर 16 वर्ष करने पर विचार कर रही है.

Representation Pic

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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को घोषणा की कि महाराष्ट्र सरकार मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों में किशोर की कानूनी उम्र को घटाकर 16 वर्ष करने पर विचार कर रही है. इसका उद्देश्य मादक पदार्थों की तस्करी में किशोरों के बढ़ते उपयोग को नियंत्रित करना है, जो वर्तमान में कानूनी खामियों का फायदा उठाकर बढ़ रहा है.

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि नाबालिगों को मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल किया जा रहा है क्योंकि कानून में कुछ खामियां हैं. इन खामियों का फायदा तस्कर उठा रहे हैं, जिससे मादक पदार्थों की तस्करी में नाबालिगों का इस्तेमाल बढ़ गया है. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार इस समस्या को गंभीरता से ले रही है और संबंधित कानूनों में संशोधन करने की योजना बना रही है, ताकि किशोरों को इस अपराध से बचाया जा सके.


इसके तहत, महाराष्ट्र सरकार किशोरों की कानूनी आयु सीमा घटाकर 16 वर्ष करने का प्रस्ताव तैयार कर रही है. वर्तमान में यह सीमा 18 वर्ष है. इस बदलाव के साथ आदतन अपराधियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मकोका के तहत तस्करों और मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों को कड़ा किया जाएगा, और इन अपराधों से जुड़े किसी भी नाबालिग को अपराधी करार दिया जाएगा.


मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी में विदेशी नागरिकों की संलिप्तता, विशेष रूप से नाइजीरियाई नागरिकों की, एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया है कि ऐसे विदेशी नागरिकों को निर्वासित किया जाए, जो छोटे-मोटे अपराधों का सहारा लेकर निर्वासन से बच जाते हैं.

मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए मकोका के तहत एक विधेयक पारित किया है, जिससे मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के प्रमुख के रूप में घोषणा की कि सरकार ने छत पर सौर पैनल लगाकर 100 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले घरों को मुफ्त बिजली देने की योजना को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत, छोटे घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल से राहत मिलेगी और छत पर सौर पैनल लगाने के लिए सरकार सब्सिडी प्रदान करेगी.

यह कदम राज्य के नागरिकों को न केवल मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों के खिलाफ सुरक्षा देगा, बल्कि सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा बचत को भी बढ़ावा देगा. मुख्यमंत्री फडणवीस की यह योजना राज्य में अपराधों की रोकथाम और पर्यावरण की सुरक्षा दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.

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