Updated on: 25 March, 2024 01:37 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अधिकारी ने कहा कि सकलेश्वर मंदिर, जिसे बाराखंबी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, का निर्माण 1228 ईस्वी में यादव राजवंश द्वारा किया गया था.
रिप्रेजेंटेटिव इमेज. तस्वीर/पिक्साबे
एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि बीड जिले के अंबाजोगाई के पास सकलेश्वर मंदिर परिसर में चल रही खुदाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार के पुरातत्व विभाग को दो मंदिर के आधार मिले. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने कहा कि सकलेश्वर मंदिर, जिसे बाराखंबी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, का निर्माण 1228 ईस्वी में यादव राजवंश द्वारा किया गया था, जिन्होंने पहले मिले एक शिलालेख के अनुसार देवगिरि किले पर शासन किया था.
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रिपोर्ट के मुताबिक राज्य पुरातत्व के सहायक निदेशक अमोत गोटे ने कहा, "खुदाई 15 मार्च को शुरू हुई और प्रत्येक 100 वर्ग फुट की 14 खाइयाँ बनाई गई हैं. हमें दो मंदिरों के आधार मिले हैं, जिनमें से एक खोलेश्वर है, जिसका नाम एक यादव जनरल के नाम पर रखा गया है. हमें कुछ ईंटें मिली हैं, जिनसे पता चलता है कि मंदिरों में शिखर थे, साथ ही हाथ, पैर जैसे मूर्तिकला के हिस्से भी थे."
उन्होंने कहा, उसी परियोजना के हिस्से के रूप में, हम अंबाजोगाई में प्राचीन स्मारकों का सर्वेक्षण करेंगे, जो क्षेत्र को "विरासत गांव" का दर्जा देने में मदद करेगा. रिपोर्ट के अनुसार गोटे ने बताया, "अंबाजोगाई शहर को पहले के समय में अमरापुर, जयंतीपुर, जोगायम्बे के नाम से भी जाना जाता था. इसे हैदराबाद निज़ाम काल के दौरान मोमिनाबाद के नाम से भी जाना जाता था. इसमें हत्थीखाना, दासोपंत मंदिर, योगेश्वरी मंदिर जैसे अन्य स्मारक भी हैं."
इस बीच, एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में 750 छोटी सिंचाई परियोजनाओं में जल स्तर 12.92 प्रतिशत है, जो पिछले साल इस समय 34.28 प्रतिशत था. रिपोर्ट के मुताबिक सिंचाई विभाग ने 22 मार्च को मराठवाड़ा के आठ जिलों छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड, हिंगोली, धाराशिव, लातूर, बीड और परभणी में 750 परियोजनाओं में जल स्तर पर एक रिपोर्ट जारी की.
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