Updated on: 12 August, 2025 06:57 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
इन प्रस्तावों को भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत मंजूरी दी गई है, जिसका 76,000 करोड़ रुपये का परिव्यय चिप के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा.
फाइल फोटो
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश के लिए चार सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इन प्रस्तावों को भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत मंजूरी दी गई है, जिसका 76,000 करोड़ रुपये का परिव्यय देश में चिप संयंत्रों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा. वैष्णव ने कहा, "मंत्रिमंडल ने ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में स्थापित किए जाने वाले चार सेमीकंडक्टर संयंत्रों को मंजूरी दे दी है."
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रिपोर्ट के मुताबिक मंत्री ने कहा कि सिक्सेम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2,066 करोड़ रुपये के निवेश से भुवनेश्वर में एक सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित किया जाएगा. राज्य में 1,943 करोड़ रुपये के निवेश से 3डी ग्लास निर्माण के लिए एक और संयंत्र स्थापित किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि 3डी ग्लास सेमीकंडक्टर प्लांट को प्रमुख अमेरिकी प्रौद्योगिकी फर्म इंटेल, लॉकहीड मार्टिन आदि के निवेश से समर्थन प्राप्त होगा.
कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश में एक चिप पैकेजिंग प्लांट को मंजूरी दी है, जिसे एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 468 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित किया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार मंत्री ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माता कंपनी सीडीआईएल की 117 करोड़ रुपये के निवेश से पंजाब में स्थापित होने वाली एक सेमीकंडक्टर परियोजना को मंजूरी दे दी गई है.
सीसीएसम प्राइवेट लिमिटेड देश की पहली वाणिज्यिक कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन सुविधा स्थापित करेगी, जो सालाना 60,000 वेफर्स का उत्पादन और 9.6 करोड़ यूनिट पैकेजिंग करने में सक्षम होगी. रिपोर्ट के मुताबिक प्लांट के उत्पाद इलेक्ट्रिक वाहनों, रेलवे, फास्ट चार्जर, डेटा सेंटर, सोलर इनवर्टर, उपभोक्ता उपकरणों और मिसाइल प्रणालियों में अनुप्रयोगों को पूरा करेंगे.
3डी ग्लास सॉल्यूशंस इंक. (3डीजीएस) द्वारा ओडिशा की दूसरी परियोजना, एक उन्नत पैकेजिंग और एम्बेडेड ग्लास सब्सट्रेट सुविधा स्थापित करेगी. यह भारत में दुनिया की सबसे उन्नत सेमीकंडक्टर पैकेजिंग तकनीक पेश करेगा, जिसकी वार्षिक क्षमता 69,600 ग्लास पैनल सबस्ट्रेट्स, 50 मिलियन असेंबल्ड यूनिट्स और 13,200 3D हेटेरोजेनस इंटीग्रेशन (3DHI) मॉड्यूल्स की होगी. रिपोर्ट के मुताबिक इस तकनीक का उपयोग उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स, रेडियो फ्रीक्वेंसी और फोटोनिक्स अनुप्रयोगों में किया जाएगा.
आंध्र प्रदेश में, एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज (ASIP) टेक्नोलॉजीज, दक्षिण कोरिया की APACT कंपनी लिमिटेड के सहयोग से, 96 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष की क्षमता वाली एक सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई स्थापित करेगी. यह संयंत्र मोबाइल उपकरणों, सेट-टॉप बॉक्स, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य अनुप्रयोगों के लिए बाज़ारों की सेवा करेगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित चौथी परियोजना पंजाब के मोहाली में कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया लिमिटेड (CDIL) के लिए है, जो कंपनी की डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षमता का विस्तार करेगी.
उन्नत सुविधा में प्रतिवर्ष 158.38 मिलियन यूनिट उच्च-शक्ति वाले उपकरणों का उत्पादन होगा, जिनमें सिलिकॉन और सिलिकॉन कार्बाइड दोनों में MOSFETs, IGBTs, शॉट्की डायोड और ट्रांजिस्टर शामिल हैं. इन घटकों का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहन इलेक्ट्रॉनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों, विद्युत रूपांतरण, औद्योगिक स्वचालन और संचार अवसंरचना में किया जाता है.सरकार ने एक बयान में कहा, "ये परियोजनाएँ इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हमारी यात्रा को गति प्रदान करेंगी और एक ऐसा प्रतिभा समूह तैयार करेंगी जो वैश्विक उद्योग की सेवा करेगा."
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