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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब से 25 जून को मनाया जाएगा संविधान हत्या दिवस

Updated on: 13 July, 2024 01:17 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

गृह मंत्री अमित शाह ने कल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस अधिसूचना की घोषणा करने वाले राजपत्र की एक प्रति शेयर की.

अमित शाह ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की और नरेंद्र मोदी ने इसका समर्थन किया.

अमित शाह ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की और नरेंद्र मोदी ने इसका समर्थन किया.

केंद्र की मोदी सरकार ने कल बड़ा फैसला लेते हुए 25 जून को `संविधान हत्या दिवस` घोषित कर दिया. इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी की गई है. आज ही के दिन 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी. गृह मंत्री अमित शाह ने कल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस अधिसूचना की घोषणा करने वाले राजपत्र की एक प्रति शेयर की. इसमें लिखा था कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी निरंकुश मानसिकता का परिचय देते हुए देश में आपातकाल थोप दिया और लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया गया. लाखों लोगों को बेवजह जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज दबा दी गई. 

अमित शाह ने आगे लिखा कि भारत सरकार ने प्रत्येक वर्ष 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. यह दिन उन सभी लोगों के अपार योगदान को याद करेगा जिन्होंने 1975 के संकट का खामियाजा भुगता था. प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णय का उद्देश्य उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान करना है जिन्होंने तानाशाही सरकार की अनगिनत यातनाओं और उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए लड़ाई लड़ी. `संविधान हत्या दिवस हर भारतीय के भीतर लोकतंत्र की रक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की अमर लौ को प्रज्वलित रखने का काम करेगा ताकि भविष्य में कांग्रेस जैसी कोई निरंकुश मानसिकता दोबारा न आ सके.`


इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीलोकतंत्र की आत्मा काडिया हैंडल पर अमित शाह का पोस्ट शेयर किया और लिखा कि `25 जून को संविधान हत्या दिवस देशवासियों को याद दिलाएगा कि संविधान को कुचलने के बाद देश को किस तरह की परिस्थितियों से गुजरना पड़ा था. यह दिन उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने का भी है जो संकट के दौरान पीड़ित हुए. कांग्रेस के इस दमनकारी कदम को देश भारतीय इतिहास के काले अध्याय के रूप में सदैव याद रखेगा.`


हालांकि सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने निशाना साधा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि `गैर-जैविक प्रधानमंत्री ने एक बार फिर पाखंड से भरी सुर्खियां बटोरने की कोशिश की है, लेकिन 4 जून, 2024 को देश के लोग `मोदी मुक्ति दिवस` के रूप में जानेंगे.` अपनी नैतिक हार से पहले उन्होंने देश में 10 साल के लिए अघोषित आपातकाल लगा दिया.


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