Updated on: 10 November, 2023 03:21 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
एक एक्सप्रेस ट्रेन में खाने की खराब क्वालिटी को लेकर शिकायत की. एक फैमली ने शाकाहारी भोजन में खराब गुणवत्ता वाले भोजन और दही की कमी के लिए एक एक्सप्रेस ट्रेन कैटरिंग ठेकेदार पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया.
नवी मुंबई निवासी अनुज गुप्ता ने पुरी से मुंबई तक ट्रेन में परोसे जाने वाले भोजन की खराब गुणवत्ता के बारे में आईआरसीटीसी से की थी शिकायत
एक एक्सप्रेस ट्रेन में खाने की खराब क्वालिटी को लेकर शिकायत की. एक फैमली ने शाकाहारी भोजन में खराब गुणवत्ता वाले भोजन और दही की कमी के लिए एक एक्सप्रेस ट्रेन कैटरिंग ठेकेदार पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया. भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने अनुज कुमार गुप्ता (35) की शिकायत पर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की. जिन्हें अपने परिवार के सदस्यों के साथ पुरी से मुंबई की ट्रेन में यात्रा करते समय खराब एक्सपीरियंस हुआ. अनुज ने आरोप लगाया कि दही विक्रेताओं द्वारा अलग से 30 रुपये में बेचा जा रहा था.
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कोपर के अनुज अपने पिता दीपक गुप्ता (67), मां रमा गुप्ता और भाई आनेश गुप्ता के साथ यात्रा कर रहे थे. मिड-डे से बात करते हुए गुप्ता ने कहा, "अपनी चार धाम यात्रा पूरी करने के बाद हम 27 सितंबर को पुरी से लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) के लिए ट्रेन 12146 में सवार हुए. हमने देखा कि पेंट्री कार विक्रेता बिना बिल के 150 रुपये में शाकाहारी खाना बेच रहे थे."
आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर ये रेट 80 रुपये है. रेट बढ़े होने को लेकर उन्होंने कार मैनेजर संतोष राठौड़ से संपर्क किया, उन्होंने कहा कि रेट बढ़ाकर खाना बेंचा जा रहा है. हमने चार पैकेट लिए और क्वालिटी भी अच्छी नहीं थी. आईआरसीटीसी मेनू में प्रत्येक भोजन में चार चपाती लिखी हुई हैं, हमारी थाली में केवल दो चपाती थीं. मेन्यू में गाढ़ी दाल की जगह पानी वाली दाल मिली और दही गायब था. विक्रेता ने हमें बताया कि उन्होंने इस ट्रेन में केवल दो चपातियां उपलब्ध कराईं और दही स्टॉक में नहीं था. विक्रेता ने हमें बताया कि उन्हें दालों की आपूर्ति नहीं मिल रही है, इसलिए दाल में पानी हो गया है. विक्रेता ने अपना नाम बताने से इनकार कर दिया. बाद में उन्होंने पाया कि विक्रेता गायब दही को एक आइटम के रूप में 30 रुपये में बेच रहे थे.
जब अनुज ने आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर शिकायत की तो उन्होंने मुआवजे की मांग नहीं की बल्कि खाने की खराब गुणवत्ता और दही नहीं देने के लिए ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. ठेकेदार आर के एसोसिएट्स एंड होटलियर्स ने आईआरसीटीसी के समक्ष अपने बचाव में दावा किया कि यात्री को भोजन की बढ़ी हुई कीमत के बारे में एक अनधिकृत विक्रेता से पता चला होगा.
ठेकेदार ने कहा कि,“पेंट्री कार द्वारा शाकाहारी भोजन एमआरपी के अनुसार बेचा गया था. सेवा से पहले भोजन की गुणवत्ता की जांच की गई और उसे संतोषजनक पाया गया. सभी यात्रियों ने एक जैसा खाना खाया और गुणवत्ता की सराहना की. अन्य यात्रियों द्वारा भोजन की गुणवत्ता के बारे में कोई शिकायत नहीं की गई. ”
जुर्माने के अलावा, ठेकेदार को आईआरसीटीसी मानकों के अनुसार भोजन की गुणवत्ता बनाए रखने की चेतावनी दी गई है. अनुज ने कहा, "मुझे बहुत खुशी है कि आईआरसीटीसी ने त्वरित कार्रवाई की और मुझे उम्मीद है कि ट्रेन में कैटरिंग ठेकेदार यात्रियों को धोखा नहीं देंगे."
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