Updated on: 23 July, 2024 08:15 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
निर्मला सीतारमण ने 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनने के बाद, कई महत्वपूर्ण बजट पेश किए हैं.
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Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट प्रस्तुत करेंगी, जो उनका लगातार सातवां बजट होगा. उनका बजट भाषण सुबह 11 बजे से शुरू होगा. इस बजट के साथ, सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी, जिन्होंने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था. हालांकि, सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड अब भी देसाई के पास ही है. निर्मला सीतारमण ने 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनने के बाद, कई महत्वपूर्ण बजट पेश किए हैं. उनके बजट भाषणों में विभिन्न आर्थिक सुधार, ग्रामीण विकास, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने पर विशेष जोर रहा है. सीतारमण का बजट आम तौर पर अर्थव्यवस्था की दिशा और नीतिगत प्राथमिकताओं को दर्शाता है, जिससे भारत की आर्थिक वृद्धि में योगदान होता है.
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इस बार का बजट खास महत्व रखता है क्योंकि यह 2024 के आम चुनावों से पहले का अंतिम पूर्ण बजट है. इसमें कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, और आधारभूत संरचना के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की उम्मीद की जा रही है. इसके अलावा, छोटे व्यवसायों, स्टार्टअप्स और डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए भी महत्वपूर्ण प्रावधान हो सकते हैं.
वित्त मंत्री के इस बजट में राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने, निवेश को बढ़ावा देने, और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है. इसके अलावा, जीएसटी सुधार, प्रत्यक्ष करों में छूट, और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के प्रयासों की भी संभावना है.
निर्मला सीतारमण के बजट भाषण को विभिन्न उद्योगों, वित्तीय संस्थानों और आम जनता द्वारा बड़े उत्साह और उम्मीदों के साथ सुना जाएगा. यह बजट न केवल भारत की आर्थिक नीतियों को निर्धारित करेगा, बल्कि वैश्विक निवेशकों और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के लिए भी महत्वपूर्ण संकेतक होगा.
इस बजट के माध्यम से सीतारमण यह साबित करने की कोशिश करेंगी कि भारत की अर्थव्यवस्था महामारी के बाद से एक स्थिर और मजबूत पथ पर है. उनकी नीतियों का उद्देश्य दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता और समृद्धि को सुनिश्चित करना है.
सीतारमण की उम्र अगले महीने 65 वर्ष हो जाएगी और उनके अनुभव और नीतिगत दृष्टिकोण से यह स्पष्ट है कि वे भारत की वित्तीय चुनौतियों का सामना करने और उन्हें हल करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. उनका यह सातवां बजट भाषण निश्चित रूप से आर्थिक सुधारों और विकास के नए आयाम स्थापित करेगा.
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