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Niti Aayog: बैठक में शामिल नहीं हुए नीतीश कुमार, ममता बनर्जी ने किया वॉकआउट

Updated on: 27 July, 2024 02:14 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

उन्होंने आरोप लगाया कि उनका माइक्रोफोन म्यूट कर दिया गया था और उन्हें पांच मिनट से अधिक बोलने की अनुमति नहीं दी गई, जबकि अन्य सीएम को अधिक समय दिया गया.

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि उनका माइक बंद कर दिया गया था और उन्हें केवल पांच मिनट बोलने की अनुमति दी गई थी. फोटो/एएनआई

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि उनका माइक बंद कर दिया गया था और उन्हें केवल पांच मिनट बोलने की अनुमति दी गई थी. फोटो/एएनआई

अधिकारियों ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इस बीच, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी बैठक के बीच में ही बाहर चली गईं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनका माइक्रोफोन म्यूट कर दिया गया था और उन्हें पांच मिनट से अधिक बोलने की अनुमति नहीं दी गई, जबकि अन्य सीएम को अधिक समय दिया गया.

रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि बैठक में राज्य का प्रतिनिधित्व उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने किया है. महत्वपूर्ण बैठक से कुमार की अनुपस्थिति का कारण स्पष्ट नहीं है. कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बताया, "यह पहली बार नहीं है कि सीएम नीतीश आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. सीएम पहले भी बैठक में शामिल नहीं हुए थे और बिहार का प्रतिनिधित्व तत्कालीन डिप्टी सीएम ने किया था. इस बार भी दोनों डिप्टी सीएम बैठक में शामिल होने गए. इसके अलावा, बिहार से चार केंद्रीय मंत्री हैं जो आयोग के सदस्य हैं और वे बैठक में मौजूद रहेंगे". इस बीच, पत्रकारों से बात करते हुए बनर्जी ने दावा किया कि केंद्र सरकार राजनीतिक भेदभाव कर रही है. 


उन्होंने कहा, "मैं विपक्ष की एकमात्र सदस्य थी जो (बैठक में) भाग ले रही थी, लेकिन फिर भी मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी गई. यह अपमानजनक है. मैंने आपसे (केंद्र सरकार) कहा था कि आपको राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. मैं बोलना चाहती थी, लेकिन मेरा माइक म्यूट कर दिया गया. मुझे केवल पांच मिनट बोलने की अनुमति दी गई. मुझसे पहले के लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की." हालांकि, सरकारी सूत्रों ने कहा कि यह कहना गलत है कि बनर्जी का माइक्रोफोन बंद था और उन्होंने जोर देकर कहा कि घड़ी दिखा रही थी कि उनका बोलने का समय खत्म हो गया था. उन्होंने आगे कहा कि वर्णमाला के अनुसार, उनकी बारी दोपहर के भोजन के बाद आती, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें सातवें वक्ता के रूप में शामिल किया गया क्योंकि उन्हें जल्दी कोलकाता लौटना था. दिल्ली रवाना होने से पहले अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष बनर्जी ने कहा, "नीति आयोग की बैठक में बंगाल के साथ किए जा रहे राजनीतिक भेदभाव का मैं विरोध करूंगी. बजट में जिस तरह से उन्होंने बंगाल और अन्य विपक्षी राज्यों के साथ भेदभाव किया है, हम उससे सहमत नहीं हो सकते." 


टीएमसी सुप्रीमो ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्री "बंगाल को बांटने" की कोशिश कर रहे हैं. "उनके मंत्रियों और भाजपा नेताओं का रवैया ऐसा है कि वे बंगाल को बांटना चाहते हैं. आर्थिक नाकेबंदी के साथ-साथ वे भौगोलिक नाकेबंदी भी करना चाहते हैं. झारखंड, बिहार, असम और बंगाल को बांटने के लिए अलग-अलग नेता अलग-अलग बयान दे रहे हैं. हम इस रवैये की कड़ी निंदा करते हैं." आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से `विकसित भारत@2047` दस्तावेज पर चर्चा की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष हैं. नीति आयोग की शीर्ष संस्था परिषद में सभी सीएम, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं.


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