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मराठा कोटा पर विपक्ष ने की फायदा उठाने की कोशिश, सरकार मुद्दा सुलझाकर चुप

Updated on: 04 September, 2025 07:00 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

महाराष्ट्र के पुणे में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए, अजित पवार ने ज़ोर देकर कहा कि महायुति सरकार जन कल्याण पर केंद्रित रही है और उसने स्थिति पर तुरंत और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया दी है.

अजित पवार ने गुरुवार को विपक्ष की आलोचना की. फाइल फोटो

अजित पवार ने गुरुवार को विपक्ष की आलोचना की. फाइल फोटो

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को विपक्ष की आलोचना की और आरोप लगाया कि उसके कुछ सदस्य हाल ही में हुए मराठा मोर्चा से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा इस मुद्दे को सुलझाने के बाद वे चुप हो गए. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के पुणे में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए, अजित पवार ने ज़ोर देकर कहा कि महायुति सरकार जन कल्याण पर केंद्रित रही है और उसने स्थिति पर तुरंत और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया दी है.

रिपोर्ट के मुताबिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर 29 अगस्त को मुंबई में भूख हड़ताल शुरू की थी. देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा उनकी अधिकांश मांगों पर सहमति जताने के बाद उन्होंने मंगलवार को अपना अनशन समाप्त कर दिया, जिसमें पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र प्रदान करने हेतु एक समिति गठित करने हेतु एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी करना भी शामिल था, जो अपनी विरासत के ऐतिहासिक अभिलेख प्रस्तुत कर सकें.


सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग द्वारा जारी जीआर के अनुसार, ऐतिहासिक अभिलेखों, विशेष रूप से हैदराबाद गजेटियर के संदर्भों के आधार पर एक उचित सत्यापन प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि यह पुष्टि की जा सके कि मराठा समुदाय का कौन व्यक्ति कुनबी जाति प्रमाण पत्र के लिए योग्य है. रिपोर्ट के अनुसार अजित पवार ने कहा, "लोगों ने हमें भारी बहुमत से चुना है और हमारा निरंतर प्रयास उनके लिए काम करना और उन्हें वे सभी लाभ प्रदान करना है जिनके वे हकदार हैं."


उन्होंने आगे कहा कि चुनौतियाँ तो आती ही हैं, लेकिन सरकार हमेशा सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने का प्रयास करती है. रिपोर्ट के मुताबिक अजित पवार ने कहा, "विपक्ष, जो पर्याप्त वोट हासिल करने में विफल रहा, हमेशा हमारी आलोचना करने के अवसर तलाशता रहता है. कुछ लोगों ने तो मुंबई में मराठा आरक्षण विरोध प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बात करके और बयान देकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश भी की."

उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा, "एक बार जब सरकार ने इस मुद्दे का तुरंत समाधान कर दिया, तो उनके पास चुप रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा." उन्होंने कहा, "कुछ लोग अभी भी बोल रहे हैं, लेकिन मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि सब ठीक हो जाएगा. चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है." आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए, अजित पवार ने कहा कि नगर निकाय चुनाव, साथ ही जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव, जनवरी 2026 के आसपास हो सकते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया, "यह सिर्फ़ हमारा अनुमान है. अंतिम निर्णय चुनाव आयोग को लेना है."


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