Updated on: 03 September, 2025 10:01 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अब सरकार ने इसमें एक बड़ा बदलाव किया है. भारत सरकार ने घोषणा की है कि इन देशों के अल्पसंख्यक समुदायों के लोग बिना पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज़ों के देश में रहने की अनुमति होगी.
गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) लागू किया था. इसके तहत अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जैसे अल्पसंख्यक समुदायों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाती है. अब सरकार ने इसमें एक बड़ा बदलाव किया है. भारत सरकार ने घोषणा की है कि इन देशों के अल्पसंख्यक समुदायों के लोग जो धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए 31 दिसंबर, 2024 तक भारत आए हैं, उन्हें बिना पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज़ों के देश में रहने की अनुमति होगी.
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पिछले साल लागू हुए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के नए बदलाव के अनुसार, 31 दिसंबर, 2024 को या उससे पहले भारत आए इस समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी. हाल ही में लागू हुए आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम, 2025 के अंतर्गत जारी इस महत्वपूर्ण आदेश से बड़ी संख्या में भारत आए लोगों, विशेषकर पाकिस्तान से आए हिंदुओं, को बड़ी राहत मिलेगी, जो 2014 के बाद भारत आए हैं.
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, "अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों के लोग, जिनमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शामिल हैं, जो अन्य देशों में धार्मिक उत्पीड़न के कारण शरण लेने के लिए भारत आए हैं और जिन्होंने 31 दिसंबर, 2024 को या उससे पहले बिना पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज़ों और अन्य वैध दस्तावेज़ों के भारत में प्रवेश किया है, या जो पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज़ों और अन्य वैध दस्तावेज़ों के साथ आए थे और ऐसे दस्तावेज़ों की समाप्ति के बावजूद अभी भी यहाँ हैं, उन्हें वैध पासपोर्ट और वीज़ा रखने की आवश्यकता से छूट दी जाएगी."
भारत सरकार के इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान के अल्पसंख्यक समुदायों के नागरिक इन देशों की सीमाओं से भारत में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें यहाँ यात्रा करने या रहने के लिए किसी पासपोर्ट और वीज़ा की आवश्यकता नहीं होगी. शरणार्थियों के लिए यह व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी. हालाँकि, अगर नेपाल या भूटान का कोई नागरिक चीन, मकाऊ, हांगकांग या पाकिस्तान से भारत आता है, तो उसके पास वैध पासपोर्ट होना अनिवार्य होगा. गौरतलब है कि भारतीय नागरिकों को नेपाल या भूटान की सीमाओं से आने-जाने के लिए पासपोर्ट या वीज़ा की ज़रूरत नहीं है, लेकिन अगर वे नेपाल या भूटान के अलावा किसी अन्य देश से भारत आते हैं, तो उनके पास वैध पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज़ होने चाहिए.
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