Updated on: 18 July, 2025 12:15 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महाराष्ट्र विधानमंडल की लॉबी में सत्ताधारी दल और विपक्षी दल के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसके बाद राज ठाकरे ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
X/Pics, Rajnath Singh
गुरुवार को महाराष्ट्र विधानमंडल की लॉबी में सत्ताधारी दल के विधायकों और विपक्षी दल के नेताओं के समर्थक आपस में भिड़ गए. इस घटना के बाद राज ठाकरे ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने इस हिंसक झड़प को लेकर तीखा बयान दिया. उन्होंने लिखा, "कल, मैंने विधान भवन क्षेत्र में सत्ताधारी दल के विधायकों और विपक्षी दल के विधायकों के बीच हुई हिंसक झड़प का एक वीडियो देखा. इस वीडियो को देखकर मुझे सचमुच आश्चर्य हुआ, `हमारे महाराष्ट्र का क्या हो गया है?`"
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काल विधानभवन परिसरात सत्ताधारी पक्षाचे आमदार आणि विरोधी पक्षातील आमदार यांच्या कार्यकर्त्यांच्यात तुफान हाणामारी झाल्याची चित्रफीत पाहिली. ही चित्रफीत पाहून मला खरंच प्रश्न पडला, ` काय अवस्था झालीये आपल्या महाराष्ट्राची ?`
— Raj Thackeray (@RajThackeray) July 18, 2025
सत्ता हे साधन असावं साध्य नाही याचा विसर पडल्यामुळे…
राज ठाकरे ने महाराष्ट्र की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि जनता अब समझ चुकी है कि किस तरह कुछ लोग पार्टी में शामिल होने के बाद वरिष्ठ नेताओं पर गंदी टिप्पणियाँ करते हैं और फिर राजनीतिक हथकंडों का सहारा लेते हैं. उन्होंने कहा, "मैं मराठी लोगों से पूछूँगा, `उन्होंने महाराष्ट्र किसके हाथों में सौंप दिया है?`"
राज ठाकरे ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "अगर मेरे महाराष्ट्र के सिपाही मराठी भाषा और मराठी लोगों के लिए हाथ उठाते हैं, तो जो लोग उनसे और हमारी पार्टी से नाराज़ हैं, वे अब कहाँ छिपे हैं?" उनका कहना था कि जब कोई मराठी भाषा या मराठी लोगों का अपमान करता है, तो उन्हें थप्पड़ मारने पर गर्व होता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उनके दिवंगत विधायक ने भी विधान भवन में एक प्रमुख विधायक को थप्पड़ मारा था, क्योंकि वह मराठी भाषा का अपमान कर रहा था.
साथ ही, ठाकरे ने वित्तीय स्थिति पर भी चिंता जताई और कहा कि, "मुझे सटीक आँकड़े नहीं हैं, लेकिन एक पुराने अनुमान के अनुसार, सत्र का खर्च कम से कम डेढ़ से दो करोड़ रुपये होता है. क्या हमें यह पैसा आपकी व्यक्तिगत टिप्पणियों पर बर्बाद करना चाहिए?" उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में अनेक लंबित मुद्दे हैं और राज्य का खजाना खस्ताहाल है.
उन्होंने पूछा, "क्या सत्ताधारी दल के विधायक और मंत्री अब सत्र को केवल औपचारिकता मानते हैं? क्या ये सभी घटनाएँ मीडिया के लिए सिर्फ़ दिखावे का हिस्सा बन गई हैं?"
राज ठाकरे ने चेतावनी दी, "अगर आज इन घटनाओं को माफ़ कर दिया गया, तो भविष्य में विधान भवन में विधायकों की हत्या भी हो सकती है, और ऐसा होने पर कोई आश्चर्य नहीं होगा."
अंत में, उन्होंने मीडिया से अपील की, "मीडिया में बची हुई कुछ समझदार आवाज़ों से मेरा अनुरोध है कि वे इन निंदनीय घटनाओं में न पड़ें." ठाकरे ने सरकार को चुनौती दी कि यदि उनमें विवेक है, तो वे अपने ही लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें.
यह बयान महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति को लेकर एक गंभीर सवाल उठाता है, और यह भविष्य में राजनीतिक दृष्टिकोण के प्रति गंभीर प्रभाव डाल सकता है.
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