होम > न्यूज़ > नेशनल न्यूज़ > आर्टिकल > रिलायंस का ऑपरेशन सिंदूर को ट्रेडमार्क करने का इरादा नहीं, आवेदन लिया वापस

रिलायंस का ऑपरेशन सिंदूर को ट्रेडमार्क करने का इरादा नहीं, आवेदन लिया वापस

Updated on: 08 May, 2025 07:20 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

इसके तुरंत बाद कई व्यवसायों ने ऑपरेशन सिंदूर शब्द को ट्रेडमार्क करने की होड़ लगा दी.

रिलायंस

रिलायंस

पहलगाम आतंकी हमलों के प्रतिशोध में भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर हमला किए जाने के बाद भारत में ऑपरेशन सिंदूर शब्द की चर्चा हर जगह थी. इसके तुरंत बाद कई व्यवसायों ने ऑपरेशन सिंदूर शब्द को ट्रेडमार्क करने की होड़ लगा दी. खबर सार्वजनिक होने के बाद, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने गुरुवार को कहा कि समूह का `ऑपरेशन सिंदूर` को ट्रेडमार्क करने का कोई इरादा नहीं है. रिलायंस इंडस्ट्री के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जियो स्टूडियोज ने अपना ट्रेडमार्क आवेदन वापस ले लिया है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बयान में कहा, "रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक इकाई जियो स्टूडियोज ने अपना ट्रेडमार्क आवेदन वापस ले लिया है, जिसे एक जूनियर व्यक्ति ने बिना अनुमति के अनजाने में दायर किया था." बयान में आगे कहा गया है, "रिलायंस इंडस्ट्रीज और इसके सभी हितधारकों को ऑपरेशन सिंदूर पर बहुत गर्व है, जो पहलगाम में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी हमले के जवाब में किया गया था. ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद की बुराई के खिलाफ भारत की अडिग लड़ाई में हमारे बहादुर सशस्त्र बलों की गौरवपूर्ण उपलब्धि है. रिलायंस आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में हमारी सरकार और सशस्त्र बलों के साथ पूरी तरह से खड़ा है. `इंडिया फर्स्ट` के आदर्श वाक्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल है."


इससे पहले 7 मई को पाकिस्तान में आतंकवादी स्थलों पर भारत के सटीक हमले के बाद `ऑपरेशन सिंदूर` नाम से कई संस्थाओं ने ट्रेडमार्क आवेदन दायर किए थे. पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी स्थलों पर भारतीय सेना द्वारा सैन्य अभियान के कुछ ही घंटों के भीतर ट्रेडमार्क दाखिल किए गए. ट्रेडमार्क आमतौर पर भविष्य में संभावित मूवी टाइटल के लिए दायर किए जाते हैं.


वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की भारत बौद्धिक संपदा आवेदन वेबसाइट से पता चलता है कि 7 मई, 2025 को सुबह 10:42 बजे से शाम 6:27 बजे के बीच नाइस वर्गीकरण के वर्ग 41 के तहत ट्रेडमार्क आवेदनों के लिए चार आवेदन दायर किए गए थे, जिसमें शिक्षा, मनोरंजन, मीडिया और सांस्कृतिक सेवाएँ शामिल हैं.

भारतीय सैन्य अभियानों के नाम सरकार द्वारा बौद्धिक संपदा के रूप में स्वचालित रूप से संरक्षित नहीं हैं, न ही रक्षा मंत्रालय अक्सर इन नामों को पंजीकृत या व्यावसायीकरण करता है और वे किसी विशेष वैधानिक आईपी ढांचे के तहत सुरक्षित नहीं हैं. इसलिए जब तक सरकार या रक्षा मंत्रालय हस्तक्षेप नहीं करता है, ऐसे नाम संस्थाओं या यहां तक कि निजी व्यक्तियों द्वारा ट्रेडमार्क दावों के लिए खुले रहते हैं.


अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK