Updated on: 27 June, 2025 12:06 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
सांसद सुप्रिया सुले ने बारामती नगर परिषद चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल उठाया और वार्ड संरचना में पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि वार्ड संरचना में दिशा-निर्देशों और नियमों की अनदेखी की जा रही है.
X/Pics, Supriya Sule
बारामती नगर परिषद चुनाव की प्रक्रिया अब शुरू हो गई है, और इसके तहत वार्ड संरचना में संशोधन किया जा रहा है. इस संदर्भ में सांसद सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि बारामती में वार्ड संरचना के संशोधन को लेकर कुछ गंभीर शिकायतें आ रही हैं. उनका कहना था कि यह संशोधन पारदर्शी तरीके से और सभी पक्षों को विश्वास में लेकर किया जाना चाहिए, लेकिन बारामती में दिशा-निर्देशों और नियमों की अनदेखी की जा रही है.
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बारामती नगर परिषदेच्या निवडणुक प्रक्रियेला सुरुवात झाली आहे. त्या अनुषंगाने प्रभाग रचना सुधारणा करण्यात येत आहे. ही सुधारणा सर्वांना विश्वासात घेऊन पारदर्शक पद्धतीने होणे गरजेचे आहे. पण बारामती मध्ये मात्र मार्गदर्शक सुचना आणि नियमांना डावलून ही प्रभाग रचना होत असल्याच्या… pic.twitter.com/DHIoSYCaRb
— Supriya Sule (@supriya_sule) June 27, 2025
सुप्रिया सुले ने कहा कि लोकतंत्र में जब नियमों की अनदेखी करके वार्ड संरचना बनाई जाती है, तो यह अनुचित है. ऐसे में यह जरूरी है कि संशोधन राज्य चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया जाए और सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए पारदर्शिता से निर्णय लिया जाए. सांसद सुले ने राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे से मिलकर संबंधित अधिकारियों से निर्देश देने की मांग की, ताकि वार्ड संरचना को राज्य चुनाव आयोग द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार पुनः संरचित किया जा सके.
इस मुद्दे पर सांसद सुप्रिया सुले के साथ उनकी टीम ने राज्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की. इस दौरान सुनील सास्ते, आरती शेंडगे, वीरधवल गाडे, एडवोकेट नीलेश वाबले, उमेश पवार, बलभीम जाधव और प्रीतम तापकिरे भी उपस्थित थे. सभी ने मिलकर राज्य चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया कि वार्ड संरचना में संशोधन को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से किया जाए ताकि किसी भी प्रकार की धांधली या पक्षपाती निर्णय से बचा जा सके.
सुप्रिया सुले ने कहा कि यह लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है अगर चुनाव प्रक्रिया में कोई भी पक्ष किसी विशेष वर्ग के हित में काम कर रहा हो, और यह इसलिए जरूरी है कि सभी को समान अवसर मिलें. उन्होंने यह भी कहा कि अगर संबंधित अधिकारियों द्वारा वार्ड संरचना में बदलाव के नियमों की अनदेखी की गई तो इसके खिलाफ कड़ा कदम उठाया जाएगा.
सांसद सुप्रिया सुले के इस बयान ने बारामती में आगामी नगर परिषद चुनावों के लिए एक नई चर्चा को जन्म दिया है, और यह देखा जाना होगा कि राज्य चुनाव आयोग इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है.
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