Updated on: 28 February, 2024 10:54 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
सरकार तत्काल कार्रवाई करने के बजाय आंखें मूंदे बैठी है. ऐसे विज्ञापनों से पूरे देश को गुमराह किया जा रहा है.
तस्वीर/एक्स
सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक और झूठे विज्ञापन के मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने पर केंद्र को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार तत्काल कार्रवाई करने के बजाय आंखें मूंदे बैठी है. ऐसे विज्ञापनों से पूरे देश को गुमराह किया जा रहा है. पीठ ने कंपनी को अपनी दवाओं के बारे में भ्रामक जानकारी देने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट विज्ञापन बंद करने का निर्देश दिया.
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सेवानिवृत्त तत्कालीन सीजेआई एनवी रमन्ना ने कहा कि `हम गुरु स्वामी रामदेव का सम्मान करते हैं, क्योंकि उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया, लेकिन उन्हें अन्य प्रणालियों की आलोचना नहीं करनी चाहिए.` इस तरह के विज्ञापन डॉक्टरों पर हत्यारा होने का आरोप लगाते हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कई विज्ञापनों का हवाला दिया जो एलोपैथी और डॉक्टरों के बारे में भ्रामक जानकारी फैलाते हैं. इसके अलावा लोगों को गुमराह करने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं बनाने वाली कंपनियों की ओर से भी अपमानजनक बयान दिए गए. आईएमए के एक वकील ने कहा कि विज्ञापन से पता चलता है कि आधुनिक चिकित्सा के बावजूद चिकित्सक खुद मर रहे हैं.
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