Updated on: 23 July, 2025 08:16 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
इलाज के दौरान 6 जुलाई को किशोरी की मौत हो गई. पुलिस जाँच में पता चला है कि मृतक किशोरी को उसके ही दोस्त ब्लैकमेल कर रहे थे.
प्रतीकात्मक चित्र (सौजन्य: मिड-डे)
जयपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर 14 वर्षीय छात्रा ऐश्वर्या सिंह ने अपने पिता के सामने ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली. घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें किशोरी कहती है - "पापा, मैं जा रही हूँ", और फिर ज़हरीला पदार्थ निगल लेती है. इलाज के दौरान 6 जुलाई को किशोरी की मौत हो गई. पुलिस जाँच में पता चला है कि मृतक किशोरी को उसके ही दोस्त ब्लैकमेल कर रहे थे.
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पैसों के विवाद के बाद, उसके दोस्त ने थाने में मामला दर्ज कराया था और समझौते के नाम पर 2 लाख रुपये की माँग कर रहा था. इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है. घटना 3 जुलाई की है. किशोरी दोपहर 12 बजे स्कूल से लौटी और सीधे रसोई में चली गई. उसने अपनी स्कूल ड्रेस भी नहीं उतारी. रसोई में लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड फुटेज के अनुसार, उसने बार-बार ज़हरीली दवा की बोतल खोलकर पीने की कोशिश की.
दोपहर करीब 1:15 बजे वह अपने पिता के सामने आई और जहर की शीशी खोलकर निगल गई. उस समय ऐश्वर्या के पिता मनवीर सिंह घर के बरामदे में थे और नौकर से सिर की मालिश करवा रहे थे. दो ड्राइवर भी मौके पर मौजूद थे. पिता ने बताया कि उनकी बेटी ने कहा, "पापा, मैं जा रही हूँ" और पल भर में जहर पी लिया. घर में कोहराम मच गया. परिजन उसे तुरंत जेके लोन अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने उसे गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती किया, लेकिन 6 जुलाई की सुबह 4 बजे उसकी मौत हो गई.
पिता मनवीर सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले उनके बेटे का पैसों को लेकर अपने दोस्तों से झगड़ा हुआ था. 26 जून को हुए झगड़े के बाद, एक आरोपी लड़के ने अपने चाचा की मदद से 27 जून को नाहरगढ़ थाने में ऐश्वर्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. आरोपी और उसके दोस्त सुलह के नाम पर 2 लाख रुपये की मांग कर रहे थे.
ऐश्वर्या की मौत के बाद जब परिवार ने उसका मोबाइल खंगाला तो सोशल मीडिया चैट से सच्चाई सामने आई. उसे इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर बार-बार धमकियाँ दी जा रही थीं. आरोपियों ने उससे ड्रग्स के लिए पैसे भी माँगे और वीडियो कॉल पर भी धमकाया. मनवीर सिंह के मुताबिक, उनकी बेटी के जिन दोस्तों की पहचान हुई है, वे सभी नशेड़ी और आपराधिक प्रवृत्ति के हैं. इतना ही नहीं, इन लड़कों ने ऐश्वर्या को भी ड्रग्स की लत लगा दी थी. आरोपी अक्सर उससे पैसे माँगते थे और पैसे न देने पर उसे धमकाते थे. एसएचओ राजेश गौतम ने बताया कि 17 जुलाई को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था. जाँच में पता चला है कि किशोरी को ब्लैकमेल किया गया, परेशान किया गया और झूठे मामले में फँसाकर पैसे ऐंठे गए. सात संदिग्धों की भूमिका की जाँच की जा रही है.
मनवीर सिंह ने बताया कि पिछले कुछ हफ़्तों से ऐश्वर्या उदास और डरी हुई लग रही थी. कई बार पूछने पर वह कहती थी- "मैं ठीक हूँ पापा." हमें अंदाज़ा भी नहीं था कि उसे इतनी तकलीफ़ हो रही है. अगर उसने एक बार भी खुलकर बताया होता, तो शायद आज वह ज़िंदा होती. मनवीर सिंह खेती और होमस्टे का व्यवसाय करते हैं. उनके तीन बेटे हैं. बड़ा बेटा 21 साल का है और छोटा 5 साल का. ऐश्वर्या बीच वाली थी.
यह सिर्फ़ आत्महत्या का मामला नहीं है, बल्कि नाबालिग को मानसिक रूप से प्रताड़ित करके ब्लैकमेल करने और पैसे ऐंठने की एक सोची-समझी साजिश है. सवाल यह भी है कि जब शिकायतकर्ता लड़का थाने में तैनात एक व्यक्ति का रिश्तेदार था, तो पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते समय उसकी उम्र की जाँच क्यों नहीं की? पुलिस फिलहाल सभी पहलुओं की जाँच कर रही है. परिजनों में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से रोष है. यह मामला जयपुर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक चेतावनी है कि सोशल मीडिया और नशे के जाल में फँसे बच्चों को समय रहते कैसे संभाला जाए.
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