Updated on: 25 March, 2025 10:01 AM IST | Mumbai
Kunal Kamra Statement: कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर अपने मज़ाक को लेकर विवादों में हैं, लेकिन इस बार उन्होंने माफ़ी मांगने से साफ इनकार कर दिया है.
X/Pics, Kunal Kamra
स्टैंड-अप कॉमेडी के मंच से बेबाक आवाज़ उठाने वाले कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं. अपने तीखे राजनीतिक व्यंग्य और बिंदास अंदाज़ के लिए जाने जाने वाले कामरा इस बार अपने एक मज़ाक को लेकर चर्चा में हैं. हालांकि, आलोचना और धमकियों के बावजूद उन्होंने न केवल पलटवार किया है, बल्कि साफ कर दिया है कि वह माफ़ी नहीं मांगेंगे. सोशल मीडिया पर जारी एक लंबी पोस्ट में उन्होंने न सिर्फ मुंबई के हैबिटेट क्लब में हुई तोड़फोड़ की आलोचना की है, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि वह माफी नहीं मांगेंगे.
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My Statement - pic.twitter.com/QZ6NchIcsM
— Kunal Kamra (@kunalkamra88) March 24, 2025
कामरा ने लिखा कि हैबिटेट क्लब केवल एक मंच है, जो सभी तरह के शो के लिए उपलब्ध होता है. "यह मेरी बातों का जिम्मेदार नहीं है और न ही किसी राजनीतिक दल का इस पर नियंत्रण है," उन्होंने लिखा. उनका कहना था कि किसी कॉमेडियन के मज़ाक से नाराज होकर किसी मंच पर हमला करना उतना ही बेतुका है, जैसे बटर चिकन पसंद न आने पर टमाटर ले जा रहे ट्रक को पलट देना.
उन्होंने धमकियां दे रहे नेताओं को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी सिर्फ ताक़तवरों की तारीफ करने तक सीमित नहीं होनी चाहिए. "अगर किसी नेता की आलोचना से आप असहज हैं, तो यह मेरे अधिकार को नहीं बदलता," उन्होंने जोड़ा.
कामरा ने कहा कि अगर उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई होती है, तो वह कानून का पालन करेंगे. लेकिन साथ ही सवाल उठाया कि क्या तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ भी वही कानून सख्ती से लागू होगा? उन्होंने बीएमसी अधिकारियों की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया, जो बिना सूचना के क्लब में घुस आए और तोड़फोड़ की.
तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “शायद अगली बार मैं किसी ऐसे ढांचे को चुनूं जिसे सरकार खुद गिराना चाहती हो—जैसे एलफिंस्टन ब्रिज.”
कामरा ने यह भी कहा कि उनका नंबर लीक कर उन्हें परेशान करने से कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि सभी अज्ञात कॉल वॉयसमेल पर जाते हैं, जिसमें “वही गाना बजता है जिसे आप सुनना नहीं चाहते.”
मीडिया से उन्होंने अपील की कि वे निष्पक्ष रिपोर्टिंग करें और यह न भूलें कि भारत की प्रेस स्वतंत्रता रैंकिंग 159वें स्थान पर है.
अपने बयान का अंत करते हुए कामरा ने दो टूक कहा, “मैं माफ़ी नहीं मांगूंगा. मैं डरने वालों में से नहीं हूं. यह नया भारत है—इससे निपटना सीखिए.”
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