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शरद पवार के गुट में मचने वाला है बड़ा बवाल, जयंत पाटिल भी छोड़ेंगे साथ, अजीत पवार से हाथ मिलाने की तैयारी

Updated on: 14 March, 2025 05:31 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

शरद पवार की एनसीपी पहले ही कई बड़े नेताओं की बगावत झेल रही है. जुलाई 2023 में अजीत पवार ने एनसीपी से बगावत कर भाजपा-शिवसेना (शिंदे गुट) गठबंधन का दामन थाम लिया था.

अजीत पवार खेमे की ताकत लगातार बढ़ रही है, जिससे भाजपा-शिवसेना गठबंधन को फायदा होने की संभावना है.

अजीत पवार खेमे की ताकत लगातार बढ़ रही है, जिससे भाजपा-शिवसेना गठबंधन को फायदा होने की संभावना है.

महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल थमने का नाम नहीं ले रही. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार को जल्द ही एक और बड़ा राजनीतिक झटका लग सकता है. पार्टी के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल जल्द ही उनका साथ छोड़ सकते हैं. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय शिरसाट ने यह दावा कर राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दी है. शिरसाट का दावा है कि जयंत पाटिल अब एनसीपी (अजीत पवार गुट) में शामिल होने की तैयारी में हैं. अगर ऐसा होता है तो यह शरद पवार गुट के लिए बड़ा राजनीतिक संकट साबित होगा.

शरद पवार की एनसीपी पहले ही कई बड़े नेताओं की बगावत झेल रही है. जुलाई 2023 में अजीत पवार ने एनसीपी से बगावत कर भाजपा-शिवसेना (शिंदे गुट) गठबंधन का दामन थाम लिया था. उस समय भी कई वरिष्ठ नेताओं ने शरद पवार का साथ छोड़कर अजीत पवार का समर्थन किया था. अब जयंत पाटिल के जाने की अटकलों से पवार कैंप की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. जयंत पाटिल एनसीपी के बड़े चेहरे हैं और पार्टी के अंदर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है.


संजय शिरसाट का कहना है कि जयंत पाटिल लगातार अजीत पवार के संपर्क में हैं और जल्द ही वह आधिकारिक तौर पर एनसीपी (अजीत गुट) में शामिल हो जाएंगे. हालांकि, जयंत पाटिल ने अभी तक इस दावे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार उनकी खामोशी से अटकलें और तेज हो गई हैं.


महाराष्ट्र में चुनाव से पहले नेताओं की इस अदला-बदली का बड़ा राजनीतिक महत्व माना जा रहा है. शरद पवार की पार्टी से बड़े चेहरों का लगातार टूटना उनके नेतृत्व पर भी सवाल उठा रहा है. वहीं, अजीत पवार खेमे की ताकत लगातार बढ़ रही है, जिससे भाजपा-शिवसेना गठबंधन को फायदा होने की संभावना है.

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अगर जयंत पाटिल एनसीपी (अजीत गुट) में शामिल होते हैं तो यह शरद पवार के राजनीतिक प्रभाव के लिए बड़ा नुकसान साबित होगा. आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में कई और बड़े उलटफेर देखने को मिल सकते हैं. फिलहाल, सबकी निगाहें जयंत पाटिल के अगले कदम पर टिकी हैं.


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