Updated on: 08 December, 2023 05:00 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
निचले सदन में आचार समिति को चर्चा के लिए रखे जाने के बाद शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया. मोइत्रा पर आरोप था कि उन्होंने संसद में गौतम अडानी पर सवाल उठाने के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से नकदी ली थी.
महुआ मोइत्रा- एक्स
निचले सदन में आचार समिति को चर्चा के लिए रखे जाने के बाद शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया. मोइत्रा पर आरोप था कि उन्होंने संसद में गौतम अडानी पर सवाल उठाने के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से नकदी ली थी.
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अपने निष्कासन के बाद मोइत्रा ने संसद के बाहर मीडिया से बात की. टीएमसी नेता ने कहा, "आचार समिति के पास निष्कासित करने की कोई शक्ति नहीं है...यह आपके (भाजपा) अंत की शुरुआत है."
उन्होंने आगे कहा, "अगर इस मोदी सरकार ने सोचा कि मुझे चुप कराकर वे अडानी मुद्दे से छुटकारा पा सकते हैं, तो मैं आपको बता दूं कि इस कंगारू कोर्ट ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने कितनी जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है. अडानी आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है और आप एक महिला सांसद को समर्पण करने से रोकने के लिए उसे परेशान करने के लिए किस हद तक जाएंगे."
लोकसभा में महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने का प्रस्ताव पारित होने के बाद विपक्षी नेताओं ने वाकआउट किया. सांसद मांग कर रहे थे कि मोइत्रा को लोकसभा में बोलने का मौका दिया जाए. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरल ने उनकी मांग को खारिज करते हुए कहा, "मेरे पास पहले से अपनाई गई परंपराओं की एक प्रति है. पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और प्रणब मुखर्जी पहले यहां थे. उन्होंने जो नियम और परंपराएं दीं, वे हमारे नियम माने जाते हैं.
सोमनाथ चटर्जी ने कहा था कि जिन सदस्यों पर आरोप होते हैं, उन्हें समिति के सामने बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया जाता है...इस सदन की परंपरा है कि जो परंपराएं हैं, उनका पालन किया जाता है. पिछले अध्यक्षों का हमेशा अगले अध्यक्षों द्वारा अनुसरण किया जाता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोइत्रा के खिलाफ लगाए गए `पूछताछ के बदले पैसे` के आरोपों की जांच कर रही एथिक्स कमेटी ने मंगलवार को लोकसभा के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें निचले सदन से उन्हें निष्कासित करने की सिफारिश की गई और कहा गया कि "गहन, कानूनी, संस्थागत जांच" की जानी चाहिए.
एएनआई के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया है, "महुआ मोइत्रा के गंभीर दुष्कर्मों के लिए कड़ी सजा की जरूरत है इसलिए समिति सिफारिश करती है कि सांसद महुआ मोइत्रा को सत्रहवीं लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित किया जा सकता है."
रिपोर्ट में आगे लिखा है, "महुआ मोइत्रा के बेहद आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक आचरण को देखते हुए समिति भारत सरकार से समयबद्ध तरीके से गहन, कानूनी, संस्थागत जांच की सिफारिश करती है." कथित तौर पर पैनल ने मोइत्रा और दर्शन हीरानंदानी के बीच नकद लेनदेन के कथित मनी ट्रेल की जांच करने का भी सुझाव दिया.
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