Updated on: 11 May, 2025 04:38 PM IST | Mumbai
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौते पर डोनाल्ड ट्रम्प की पोस्ट के बाद राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार से जवाब मांगा है.
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भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सीजफायर समझौते को लेकर जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, वहीं देश के भीतर भी इस पर राजनीतिक बहस तेज़ हो गई है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने `ट्रुथ सोशल` पर इस समझौते की सराहना करते हुए एक विस्तृत पोस्ट साझा की, जिसके बाद राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार से जवाब मांगते हुए कई सवाल उठाए हैं.
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कपिल सिब्बल ने रविवार को ANI को दिए इंटरव्यू में कहा, "इस ट्वीट पर भी कई सवाल उठेंगे. हमें यह नहीं बताया गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह समझौता कैसे हुआ, क्यों हुआ और किन परिस्थितियों में हुआ."
#WATCH | Delhi | On US President Donald Trump`s post, Rajya Sabha MP Kapil Sibal says, "Many questions will be raised on this tweet as well... So what happened (regarding India-Pakistan understanding), how and why, no information has been given to us regarding this... So we will… https://t.co/vOGjXCuFGM pic.twitter.com/6JgXFqEpZH
— ANI (@ANI) May 11, 2025
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार की आलोचना करने से फिलहाल परहेज़ कर रहा है, लेकिन सवाल पूछना ज़रूरी है. सिब्बल ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे संवेदनशील मामलों में सरकार की पारदर्शिता जरूरी है और यह केवल मीडिया रिपोर्ट या विदेशी नेताओं के बयानों से नहीं चल सकता.
सिब्बल ने केंद्र सरकार से मांग की कि इस विषय पर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए और एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जाए, जिसमें सभी राजनीतिक दलों को पूरी जानकारी दी जाए. उन्होंने अपील की कि जब तक यह आश्वासन नहीं दिया जाता कि प्रधानमंत्री स्वयं बैठक में शामिल होंगे, तब तक राजनीतिक दलों को उस बैठक में भाग नहीं लेना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि अगर आज डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री होते, तो निश्चित रूप से वे स्वयं सर्वदलीय बैठक में उपस्थित रहते और इस तरह के राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे पर खुलकर संवाद करते.
डोनाल्ड ट्रम्प की पोस्ट में जिस तरह अमेरिका की भूमिका की बात की गई है, उस पर भी सिब्बल ने अप्रत्यक्ष रूप से सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि देश की विदेश नीति और सुरक्षा के मामलों में क्या चल रहा है और कौन इसमें शामिल है.
यह घटनाक्रम न केवल भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर गंभीर चर्चा की मांग करता है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को भी उजागर करता है.
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