Updated on: 27 January, 2025 10:36 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
Uniform Civil Code: उत्तराखंड में आज से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गई है, जिससे यह कानून लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.
X/Pics, Pushkar Singh Dhami
उत्तराखंड में आज से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर दी गई है, जिससे यह कानून लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक कदम से समाज में एकरूपता आएगी और सभी नागरिकों के अधिकार और दायित्व समान रूप से तय किए जाएंगे. राज्य सरकार ने यूसीसी लागू करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं, जिसमें अधिनियम की नियमावली को अंतिम रूप देना और अधिकारियों को प्रशिक्षित करना शामिल है.
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क्या है समान नागरिक संहिता (यूसीसी)?
समान नागरिक संहिता का उद्देश्य जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर नागरिकों के बीच किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करना है. इसके अंतर्गत विवाह, तलाक, गोद लेना, संपत्ति के अधिकार और उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों में समान कानून लागू किए जाएंगे. यूसीसी का लक्ष्य हर नागरिक के लिए एक समान कानूनी ढांचा तैयार करना है, जिससे धार्मिक या सांप्रदायिक आधार पर होने वाले भेदभाव को रोका जा सके.
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने का फैसला समाज के हित में लिया गया है. यह एक बड़ा सुधार है, जो प्रदेश को प्रगतिशील और समानता आधारित समाज की ओर ले जाएगा. इससे हर नागरिक को समान अधिकार और दायित्व मिलेंगे." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने सभी कानूनी और प्रशासनिक पहलुओं पर गहन विचार करने के बाद इस कानून को लागू किया है.
यूसीसी के संभावित प्रभाव
यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड में सामाजिक और कानूनी क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इसके तहत:
>> विवाह और तलाक - सभी धर्मों के लोगों के लिए एक समान कानून लागू होगा.
>> संपत्ति का अधिकार - महिलाओं और पुरुषों को समान संपत्ति अधिकार मिलेंगे.
>> गोद लेने और उत्तराधिकार - एकरूपता से सभी के लिए समान नियम होंगे.
>> लैंगिक समानता - महिलाओं के अधिकारों को मजबूती मिलेगी और भेदभाव समाप्त होगा.
यूसीसी लागू करने की चुनौतियां
हालांकि सरकार इसे एक बड़ी उपलब्धि मान रही है, लेकिन यूसीसी को लागू करने में कई चुनौतियां भी हैं. धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता को ध्यान में रखते हुए इसे प्रभावी ढंग से लागू करना आसान नहीं होगा. इसके अलावा, कुछ वर्गों में इसे लेकर असहमति भी देखने को मिल रही है, क्योंकि यह परंपरागत रीति-रिवाजों को प्रभावित कर सकता है.
देशभर में प्रतिक्रिया
उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद अन्य राज्यों में भी इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है. कुछ राज्य सरकारें इस कानून को अपनाने पर विचार कर रही हैं, जबकि कुछ राजनीतिक दलों ने इसे लेकर अपने संदेह और आपत्तियां जताई हैं.
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