Updated on: 18 September, 2024 04:37 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाले पैनल ने लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले मार्च में रिपोर्ट सौंपी थी.
अश्विनी वैष्णव. फाइल फोटो/पीटीआई
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कोविंद पैनल की रिपोर्ट को स्वीकार करने के बाद एक राष्ट्र, एक चुनाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार `एक राष्ट्र, एक चुनाव` पर उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखी गई. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाले पैनल ने लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले मार्च में रिपोर्ट सौंपी थी.
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रिपोर्ट के मुताबिक कैबिनेट के समक्ष रिपोर्ट रखना कानून मंत्रालय के 110-दिवसीय एजेंडे का हिस्सा था. उच्च स्तरीय समिति ने पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी, जिसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने थे.
#WATCH | Union Cabinet has accepted the recommendations by the high-level committee on `One Nation, One Election`, announces Union Minister Ashwini Vaishnaw.
— ANI (@ANI) September 18, 2024
(Video source: PIB/ YouTube) pic.twitter.com/NnE99wNDer
पैनल ने समिति द्वारा की गई सिफारिशों के क्रियान्वयन पर गौर करने के लिए एक `कार्यान्वयन समूह` गठित करने का भी प्रस्ताव रखा था. रिपोर्ट के अनुसार एक साथ चुनाव कराने से संसाधनों की बचत होगी, विकास और सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा मिलेगा, "लोकतांत्रिक ढांचे की नींव मजबूत होगी" और "भारत, यानी भारत" की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी.
#WATCH | On `One Nation, One Election`, Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "A large number of political parties across the political spectrum has actually supported the One Nation One Election initiative. When they interact with high-level meetings, they give their input in a… pic.twitter.com/ipv4Y8HT9J
— ANI (@ANI) September 18, 2024
पैनल ने राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा एक समान मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करने की भी सिफारिश की है. रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में, ईसीआई लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए जिम्मेदार है, जबकि नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए स्थानीय निकाय चुनाव राज्य चुनाव आयोगों द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं.
पैनल ने 18 संवैधानिक संशोधनों की सिफारिश की, जिनमें से अधिकांश को राज्य विधानसभाओं द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि, इसके लिए कुछ संविधान संशोधन विधेयकों की आवश्यकता होगी जिन्हें संसद द्वारा पारित करने की आवश्यकता होगी. एकल मतदाता सूची और एकल मतदाता पहचान पत्र के संबंध में कुछ प्रस्तावित परिवर्तनों को कम से कम आधे राज्यों द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता होगी.
इसके अलावा, विधि आयोग भी जल्द ही एक साथ चुनाव कराने पर अपनी रिपोर्ट लेकर आने वाला है, जिसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रबल समर्थक रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि विधि आयोग सरकार के तीनों स्तरों - लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों जैसे नगर पालिकाओं और पंचायतों - के लिए 2029 से एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश कर सकता है और सदन में अस्थिरता जैसी स्थिति में एकता सरकार का प्रावधान कर सकता है.
सिफारिशें और आगे का रास्ता
- दो चरणों में लागू करना
- पहले चरण में: लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना
- दूसरे चरण में: आम चुनाव के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव (पंचायत और नगर पालिका) कराना
- सभी चुनावों के लिए एक समान मतदाता सूची
- पूरे देश में विस्तृत चर्चा शुरू की जाएगी
- एक कार्यान्वयन समूह का गठन किया जाएगा
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