Updated on: 26 July, 2025 05:09 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
सपकाल ने सवाल उठाया कि जब शहर में कानून-व्यवस्था बिगड़ रही थी और निवेशक दूर जा रहे थे, तब राज्य सरकार और अजित पवार क्या कर रहे थे.
X/Pics, Harshvardhan Sapkal
महाराष्ट्र की राजनीति में आईटी उद्योग का अन्य राज्यों की ओर रुख करना अब एक बड़ा विवाद बनता जा रहा है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर तीखा हमला करते हुए पूछा है कि जब पुणे जैसे शहर की औद्योगिक साख गिर रही थी, तब सरकार और उसके मंत्री क्या कर रहे थे? उन्होंने आरोप लगाया कि पवार को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफ़ा देना चाहिए.
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कांग्रेस नेता ने कहा कि हिंजेवाड़ी में आईटी उद्योग की नींव कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पड़ी थी. उस समय पुणे को बेंगलुरु और हैदराबाद की टक्कर का शहर माना जाता था, लेकिन अब वही उद्योग तेजी से दूसरे राज्यों की ओर जा रहे हैं. सपकाल ने कहा कि खुद अजित पवार ने इस बात को स्वीकार किया है, लेकिन यह स्वीकारोक्ति सरकार की असफलता का प्रमाण है.
उन्होंने पुणे में बढ़ती असुरक्षा, कोयता गिरोह, ड्रग्स माफिया, ट्रैफिक जाम और जलभराव जैसी समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन सबका असर सीधे आईटी उद्योग और निवेशकों के भरोसे पर पड़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि कानून-व्यवस्था की गिरावट और बुनियादी ढांचे की अनदेखी ने शहर को संकट में डाल दिया है.
सपकाल ने सवाल उठाया कि जब वेदांता-फॉक्सकॉन जैसी परियोजना, जिसमें 1.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश और 2 लाख नौकरियों की संभावना थी, गुजरात चली गई, तब राज्य सरकार क्यों चुप बैठी रही? उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकती.
कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की निष्क्रियता, बढ़ता भ्रष्टाचार और सांप्रदायिक राजनीति ने पूरे राज्य को पीछे धकेल दिया है. उन्होंने कहा कि नासिक, नागपुर, मुंबई और छत्रपति संभाजीनगर जैसे शहरों में भी हालात चिंताजनक हैं. बेरोजगारी बढ़ रही है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं और महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है.
उन्होंने अंत में कहा कि आज जो हालात हैं, वो किसी एक नेता की नहीं, बल्कि पूरी सरकार की असफलता का नतीजा हैं.
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