Updated on: 27 January, 2025 09:24 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
विधायक कैलाश पाटिल ने शिवसेना (ठाकरे गुट) छोड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि वे उद्धव ठाकरे के प्रति पूरी तरह निष्ठावान हैं.
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महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. पालकमंत्री प्रताप सरनाईक द्वारा दिए गए बयान के बाद धाराशिव में संभावित राजनीतिक परिवर्तन की चर्चा ने जोर पकड़ लिया. अफवाहें थीं कि शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद ओमराजे निंबालकर और विधायक कैलाश पाटिल पार्टी छोड़ सकते हैं. इन अटकलों ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी, लेकिन विधायक कैलाश पाटिल ने इन सभी चर्चाओं पर विराम लगाते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे, भले ही सत्ता हाथ से चली जाए.
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"सत्ता के लालच में नहीं, संघर्ष में विश्वास" - कैलाश पाटिल
विधायक कैलाश पाटिल ने इन अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि शिवसेना (ठाकरे गुट) में कोई अस्थिरता नहीं है. उन्होंने दो टूक कहा, "हम कल भी उद्धव ठाकरे के साथ थे और आगे भी उनके साथ ही रहेंगे." सत्ता खोने का डर नहीं है, बल्कि पार्टी को आगे ले जाने की प्रतिबद्धता है. उनका बयान उन विरोधियों को करारा जवाब है जो यह मान रहे थे कि सत्ता की लालसा में ठाकरे गुट के नेता दलबदल कर सकते हैं.
`शिवसेना` के नाम पर दो फाड़, लेकिन वफादारी बरकरार
गौरतलब है कि शिवसेना के विभाजन के बाद पार्टी के कई नेताओं ने एकनाथ शिंदे गुट का रुख किया, लेकिन ठाकरे गुट के बचे नेताओं ने वफादारी बनाए रखी है. कैलाश पाटिल ने कहा कि संघर्ष का दौर है, लेकिन हमारा धैर्य अडिग है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सत्ता की दौड़ में शामिल होना उनकी प्राथमिकता नहीं है, बल्कि विचारधारा और नेतृत्व के प्रति निष्ठा महत्वपूर्ण है.
राजनीतिक हलचल के पीछे की साजिश?
कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की अफवाहें ठाकरे गुट को कमजोर करने के लिए फैलाई जाती हैं. प्रताप सरनाईक के बयान को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है. हालांकि, ओमराजे निंबालकर और कैलाश पाटिल ने इन चर्चाओं को खारिज करके ठाकरे गुट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है.
"हम लड़ेंगे और जीतेंगे" - ठाकरे गुट का संकल्प
ठाकरे गुट के नेताओं का मानना है कि पार्टी की बुनियाद मजबूत है और किसी भी अफवाह या साजिश का असर उन पर नहीं पड़ेगा. कैलाश पाटिल ने साफ कहा कि सत्ता की राजनीति करने वालों को करारा जवाब मिलेगा, क्योंकि हमारा लक्ष्य पार्टी को मजबूत करना और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में आगे बढ़ना है.
महाराष्ट्र की राजनीति में भले ही भूचाल के संकेत दिए जा रहे हों, लेकिन ठाकरे गुट के नेता फिलहाल अडिग हैं और अपने संकल्प के साथ मैदान में डटे हैं.
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