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गणतंत्र दिवस पर अंबेडकर प्रतिमा का अपमान, साजिश या संयोग? प्रकाश अंबेडकर ने उठाए गंभीर सवाल

Updated on: 27 January, 2025 02:24 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

प्रकाश अंबेडकर ने पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस से मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.

X/Pics, Prakash Ambedkar

X/Pics, Prakash Ambedkar

अमृतसर में स्वर्ण मंदिर परिसर के पास भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के अपमान की घटना ने पूरे देश में आक्रोश उत्पन्न कर दिया है. इस कृत्य की कड़ी आलोचना करते हुए वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने इस घटना को केवल एक आपराधिक कृत्य ही नहीं, बल्कि बाबासाहेब के सामाजिक और राजनीतिक योगदान के प्रति घृणा का प्रतीक बताया.

प्रकाश अंबेडकर ने लिखा कि "बाबासाहेब की प्रतिमाओं को तोड़ना केवल मूर्तियों का अपमान नहीं, बल्कि उनके विचारों और उनकी ऐतिहासिक विरासत को नुकसान पहुंचाने की सोची-समझी साजिश है. यह कृत्य देश में बढ़ती असहिष्णुता और संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. यह अत्यंत चिंताजनक है कि यह घटना भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के दिन हुई, जिस दिन देश ने बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान को अपनाया था. इस दिन को देश के नागरिकों के लिए स्वतंत्रता और समानता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, और ऐसे दिन बाबासाहेब की प्रतिमा का अपमान किया जाना हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा आघात है."


उन्होंने आरोप लगाया कि देश में संविधान को बदलने और मनुस्मृति को पुनः लागू करने की एक गहरी साजिश चल रही है. बाबासाहेब की मूर्तियों और संविधान पर लगातार हो रहे हमले इसी साजिश का हिस्सा हैं, जिसे तत्काल प्रभाव से रोकने की आवश्यकता है.


प्रकाश अंबेडकर ने पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस से मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. साथ ही, उन्होंने अधिकारियों से बाबासाहेब की प्रतिमाओं और संविधान के अपमान के पीछे चल रही साजिश की गहन जांच करने की मांग की.

यह घटना न केवल अंबेडकर अनुयायियों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होकर आवाज उठानी होगी.


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