Updated on: 08 January, 2024 10:41 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
शादी में आपको जो भी उपहार या आभूषण ससुराल और मायके की तरफ से मिलता है, उस पर सिर्फ महिला का अधिकार होता है. खास बात ये है कि कानून के हिसाब से ये सभी चीजें स्त्रीधन माने जाते हैं.
प्रतिकात्मक तस्वीर
शादी में आपको जो भी उपहार या आभूषण ससुराल और मायके की तरफ से मिलता है, उस पर सिर्फ महिला का अधिकार होता है. खास बात ये है कि कानून के हिसाब से ये सभी चीजें स्त्रीधन माने जाते हैं. अक्सर ससुराल वाले महिला के आभूषण अपने पास रख लेते हैं और महिला के मांगने पर भी उसे नहीं देते. उनका कहना होता है कि जो भी उपहार या आभूषण हमने दिए उस पर हमारा ही अधिकार है तो सही नियम की जानकारी आपको भी होनी चाहिए. ताकि जरूरत के समय आप अपनी मांग को जायज बता सकें.
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एक महिला को शादी से पहले मिले गिफ्ट, शादी के दौरान मिले उपहार, गहने, साड़ी और अन्य गिफ्ट और शादी के बाद भी जेवर या अन्य जो बहुमूल्य चीजें उपहार के तौर पर मिली हैं, चाहे वो ससुराल से मिली हों या मायके से, उन सभी को स्त्रीधन माना जाता है. उन चीजों पर उस महिला का ही अधिकार होता है. स्त्रीधन में सभी प्रकार की चल-अचल संपत्ति जैसे कैश, गहने, सेविंग, इनवेस्टमेंट, गिफ्ट में मिली प्रोपर्टी, माता-पिता, भाई-बहन द्वारा शादी से पहले मिले गिफ्ट और शादी में मिले उपहारों के अलावा सास-ससुर द्वारा पहनाए गए गहने और गिफ्ट्स भी स्त्रीधन हैं.
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 14 और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 27 के तहत किसी भी महिला को स्त्रीधन को अपने पास रखने का पूरा अधिकार होता है. महिला चाहे तो अपने स्त्रीधन को अपनी मर्जी से किसी को दे सकती है या बेच सकती है. इस पर सिर्फ और सिर्फ उसका ही अधिकार होता है.
यदि स्त्रीधन ससुराल में किसी व्यक्ति के पास रखा है और महिला उन चीजों को मांगती है, तो इसे देने से मना नहीं किया जा सकता. कानून के हिसाब से अगर महिला का स्त्रीधन कोई जबरन अपने पास रख लेता है तो महिलाओं को ये पूरा अधिकार होता है कि वे उस व्यक्ति के विरुद्ध लीगल एक्शन ले सकें.
अगर किसी कारण से आपको अपने वैवाहिक जीवन में आगे बढ़ने में मुश्किल हो रही है और उसे अपना ससुराल छोड़कर कहीं और रहना पड़े तो उसे अपना स्त्रीधन साथ ले जाने का पूरा अधिकार है. अगर ऐसा करने से महिला को कोई रोकता है तो उसे दण्डनीय अपराध माना जाएगा. इस पर आप कानून का सहारा भी ले सकती हैं.
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