किसानों की मुख्य मांगें एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, बिजली दरों में कटौती और अन्य कृषि सुधारों से जुड़ी हैं.
सरकार के साथ हुई वार्ता में कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने के बाद किसान संगठनों ने आगे की रणनीति के तहत शंभू बॉर्डर की ओर कूच किया.
बड़ी संख्या में किसान विभिन्न राज्यों से पंजाब-हरियाणा सीमा की ओर बढ़ रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया.
पंजाब सरकार ने एहतियातन शंभू और खनौरी बॉर्डर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं, ताकि किसी भी तरह की अफवाहें न फैलें और कानून-व्यवस्था बनी रहे.
इसके अलावा, बॉर्डर पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. पुलिस ने धरना स्थलों को खाली कराने के लिए हल्का बल प्रयोग भी किया,
लेकिन किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपने आंदोलन को जारी रखने का ऐलान किया है.
धरना स्थलों को हटाए जाने और किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद किसान संगठनों में भारी रोष है.
कई संगठन इस कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं और बड़े आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं.
किसान नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे पीछे हटने वाले नहीं हैं.
दूसरी ओर, सरकार स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस बलों को अलर्ट पर रखे हुए है.
फिलहाल, हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, और किसान आंदोलन के अगले कदम पर सभी की नजरें टिकी हैं.
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