इसके साथ ही, उन्होंने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में शहीद हुए वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को याद किया.
महाराष्ट्र दिवस का महत्व केवल राज्य के गठन के दिन के रूप में नहीं है, बल्कि यह उन संघर्षों और बलिदानों की याद दिलाता है, जिन्होंने इस राज्य को एक एकीकृत और समृद्ध प्रदेश बनाने के लिए अपनी जान दी. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस
ऐतिहासिक दिन पर कहा, "संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान लाखों लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी ताकि महाराष्ट्र राज्य का गठन हो सके. उनके बलिदान को हम कभी भूल नहीं सकते. उनके संघर्षों के कारण ही आज हम एकजुट और मजबूत महाराष्ट्र के रूप में खड़े हैं."
उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र का इतिहास संघर्ष, साहस और विकास के अद्वितीय उदाहरणों से भरा हुआ है. उपमुख्यमंत्री ने श्रमिक दिवस की भी अहमियत पर प्रकाश डाला और श्रमिकों को उनके कठिन श्रम और योगदान के लिए धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र के श्रमिकों ने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनके बिना कोई भी विकास संभव नहीं होता. श्रमिकों का सम्मान करना और उनकी भलाई के लिए काम करना हमारा कर्तव्य है."
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य की समृद्धि और विकास के लिए सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है. "हमें अपने राज्य को और आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा और हर एक नागरिक की भलाई के लिए प्रयास करना होगा."
अजीत पवार ने अंत में एक बार फिर महाराष्ट्र के लोगों को महाराष्ट्र दिवस और श्रमिक दिवस की शुभकामनाएं दीं और राज्य की उन्नति के लिए अपना समर्थन जारी रखने की बात की.
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