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G7 Summit in Italy: जी7 समिट के लिए पीएम मोदी पहुंचे हैं इटली, जानिए जी7 ग्रुप देशों में शामिल न होने पर भी भारत को क्यों आया बुलावा

Updated on: 14 June, 2024 05:00 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

G7 Summit in Italy: इटली (Italy) के पुलिया में 15 जून तक G7 समिट चलेगा, जिसमें हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी पहुंचे हैं. वैसे तो भारत जी7 (G7 Summit) देशों का हिस्सा नहीं है, उसके बाद भी शिखर सम्मेलन में ज्यादातर भारत को बुलाया जाता है.

जी7 समिट के लिए इटली पहुंचे पीएम मोदी. (फोटो/ट्विटर)

जी7 समिट के लिए इटली पहुंचे पीएम मोदी. (फोटो/ट्विटर)

G7 Summit in Italy: इटली (Italy) के पुलिया में 15 जून तक G7 समिट चलेगा, जिसमें हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी पहुंचे हैं. वैसे तो भारत जी7 (G7 Summit) देशों का हिस्सा नहीं है, उसके बाद भी शिखर सम्मेलन में ज्यादातर भारत को बुलाया जाता है. साल 2023 में जापान के हिरोशिया में जी7 मीट हुई थी, इसमें भारत को इनवाइटेड किया था. इससे पहले 2019 में फ्रांस ने भी हमें बुलाया. अमेरिका भी इस समिट में भारत को आमंत्रित कर चुका है. जी7 समिट में मेजबान देश भारत को ज़रूर बुलाते हैं. मेजबान देश भारत जी7 के गुट में नहीं आ सका. (G7 Summit in Italy)

जानिए क्या है जी7


जी7 या ग्रुप ऑफ सेवन दुनिया के कुछ सबसे समृद्ध देशों के समूहों में से एक हैं. अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान शामिल है. खबरों की मानें तो देशों का पहला जमावड़ा सत्तर के दशक में हुआ था, जब दो लड़ाइयों के बाद दुनिया महंगाई और डर से जूझ रही थी. कई बातों को लेकर इस समिट के देश एक साथ एक ग्राउंड पर आए, इसका फायदा भी दिखाई दे चुका है.


आपको बता दें कि जी7 के देशों को ये अधिकार होता है कि वह ग्रुप के सदस्य देशों को बुला सकें. इटली ने भारत के साथ यूक्रेन, ब्राजील, अर्जेंटिना, तुर्की, यूएई, केन्या, अल्जीरिया और ट्यूनिशिया को भी गेस्ट की तरह बुलाया है. उनके अलावा वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ और यूएन के चीफ भी आमंत्रित हैं. जी7 भले ही दुनिया की सबसे उन्नत इकनॉमिज का गुट माना जाता रहा है  लेकिन भारत की जीडीपी इस समय ढाई ट्रिलियन से भी ज्यादा है जो कनाडा, फ्रांस, इटली की संयुक्त जीडीपी से भी ज्यादा है. जी7 देश इसे अपने से जोड़े रखना चाहते हैं.

क्यों भारत नहीं है जी7 का हिस्सा


कोल्डवॉर के दौरान भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन का सदस्य था, जो सुपर पावर्स की आपसी लड़ाई से दूर रहने की बात करता था. रूस या दूसरे देशों से विचारधारा की दूरी आ जाना, ये भारत नहीं चाहता. ऐसे में संगठन का हिस्सा बनना पुराने और अच्छे रिश्तों में दरार डालने का काम कर सकता है.

वायरल हो रहा है जॉर्जिया मेलोनी का वीडियो

जी7 समिट के लिए इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से इस अंदाज में मिली की उनका वीडियो वायरल हो गया. साथ ही जॉर्जिया मेलोनी ने भारतीय अंदाज में सभी राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत किया.

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