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ट्रंप ने रूसी तेल को लेकर भारत पर लगाया 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ

Updated on: 06 August, 2025 08:46 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

यह टैरिफ तीन हफ़्तों में लागू होगा और गुरुवार से लागू होने वाले एक अलग 25 प्रतिशत टैरिफ के ऊपर जोड़ा जाएगा.

फाइल फोटो/एएफपी

फाइल फोटो/एएफपी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद के कारण भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए. रूसी तेल, यूक्रेन में मास्को के युद्ध के लिए राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है. यह टैरिफ तीन हफ़्तों में लागू होगा और गुरुवार से लागू होने वाले एक अलग 25 प्रतिशत टैरिफ के ऊपर जोड़ा जाएगा. इसमें स्टील और एल्युमीनियम जैसे अलग-अलग क्षेत्र-विशिष्ट शुल्कों के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं और दवाइयों जैसी प्रभावित होने वाली श्रेणियों के लिए छूट बरकरार रखी गई है.

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत की अर्थव्यवस्था को `मृत अर्थव्यवस्था` कहा था. उनके कटाक्ष के जवाब में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से एक कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. पीएम मोदी ने देशवासियों को स्वदेशी अपनाने का संकल्प दिलाया और कहा कि अब समय आ गया है कि हर भारतीय अपनी हर खरीदारी में राष्ट्रहित को प्राथमिकता दे.


पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि अब भारत भी हर चीज़ को परखने के लिए एक ही तराजू का इस्तेमाल करेगा - यानी भारतीय पसीने से बनी चीज़ें. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब देश का हर नागरिक, हर दुकानदार और हर उपभोक्ता इस मंत्र को स्वीकार कर ले कि हम वही खरीदेंगे जो भारत में बना है, जो भारतीय हाथों से गढ़ा गया है और जिसमें हमारे देश का पसीना लगा है. वैश्विक अस्थिरता के दौर में, भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में यह केवल सरकार की ही नहीं, बल्कि हर भारतीय और भारतवासी की भी ज़िम्मेदारी है.


प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विश्व अर्थव्यवस्था अनेक चिंताओं से गुज़र रही है. अस्थिरता का माहौल है. ऐसे में, दुनिया के देश अपने-अपने हितों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. भारत भी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है. इसलिए, भारत को भी अपने आर्थिक हितों के प्रति सजग रहना होगा. भारत को अपने किसानों, लघु उद्योगों, युवाओं और रोज़गार जैसे मुद्दों को भी प्राथमिकता देनी होगी.

उन्होंने आगे कहा कि भारत को अब सजग रहना होगा. किसी भी चीज़ को खरीदने का एक ही पैमाना होगा - जिसमें किसी भारतीय नागरिक का पसीना बहा हो. हम वही चीज़ें खरीदेंगे जो भारत में बनी हैं. भारतीय कौशल से बनी हैं, भारतीय हाथों से बनी हैं. यही हमारे लिए असली स्वदेशी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संकल्प को केवल सरकार या राजनीतिक दलों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे हर नागरिक की ज़िम्मेदारी माना. उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है. लेकिन देश के नागरिक होने के नाते, हमारी कुछ ज़िम्मेदारियाँ भी हैं. सिर्फ़ मोदी ही नहीं, भारत के हर व्यक्ति को हर पल यह कहते रहना चाहिए - दूसरों को बताते रहना चाहिए. 


जो लोग देश का भला चाहते हैं, जो देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं, उन्हें अपनी झिझक छोड़कर हर पल देशहित की भावना जागृत करनी होगी - यही संकल्प है, हमें स्वदेशी अपनाना होगा. मोदी ने स्पष्ट किया कि `वोकल फॉर लोकल` और `मेक इन इंडिया` को अब सिर्फ़ नारा नहीं, बल्कि व्यवहारिक जीवन का हिस्सा बनाना होगा. प्रधानमंत्री ने देश के व्यापारियों और उद्योग जगत से विशेष आग्रह करते हुए कहा, अब समय आ गया है कि सिर्फ़ और सिर्फ़ स्वदेशी उत्पाद ही बिकें. उन्होंने कहा, मैं व्यापार जगत से जुड़े बंधुओं को आगाह करता हूँ - अब हमारी दुकानों में सिर्फ़ स्वदेशी सामान ही बिकना चाहिए. यही देश की सच्ची सेवा होगी. जब हर घर में नया सामान आए, तो वह स्वदेशी हो, यही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय आया है जब वैश्विक व्यापार दबाव, रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन से आयात पर बहस और अमेरिका की टैरिफ नीति जैसे मुद्दे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चा के केंद्र में हैं.

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