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रोहित पवार ने कॉलेज प्रिंसिपल के खिलाफ उठाया सवाल, सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग

Updated on: 21 October, 2025 02:12 PM IST | Mumbai

एनसीपी (सपा) महासचिव रोहित पवार ने पुणे के मॉडर्न कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स के प्रिंसिपल को जातिगत पूर्वाग्रह के आरोपों के बाद सरकारी पैनल से हटाने की मांग की है.

Representation Pic

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एनसीपी (सपा) महासचिव रोहित पवार ने एक पूर्व दलित छात्र द्वारा जातिगत पूर्वाग्रह के आरोपों के बाद, महाराष्ट्र सरकार से पुणे कॉलेज के प्रिंसिपल को अपनी युवा एवं खेल नीति समिति से हटाने की मांग की है.

बीबीए के पूर्व छात्र ने जातिगत पूर्वाग्रह का आरोप लगाया और दावा किया कि मॉडर्न कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स ने उसकी नौकरी का सत्यापन रोक दिया था. संस्थान ने इस आरोप का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि उसने दस्तावेज़ उसके ब्रिटेन स्थित नियोक्ता को भेज दिए थे और उसकी नौकरी नहीं गई है.


कॉलेज ने जातिगत भेदभाव के आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें निराधार बताया है.



हालांकि, पवार ने कॉलेज पर "मनुवादी" विचारधारा का आरोप लगाया है और युवाओं एवं खेलों के लिए नीतियाँ बनाने वाली राज्य सरकार की कोर कमेटी से उसकी प्रिंसिपल निवेदिता एकबोटे को हटाने की मांग की है.

"अगर राज्य की खेल एवं युवा नीति बनाने वाली समिति में मनुवादी विचारधारा वाले लोगों के साथ-साथ जातिवादी द्वेष रखने वाले लोग भी शामिल हैं, तो राज्य के युवाओं का भविष्य क्या होगा?" उन्होंने सोमवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट में कहा.


पवार ने कहा, "इस समिति में ऐसे लोगों को शामिल किया जाना चाहिए जो विदेशों में नौकरी पाने के लिए काम करते हैं, न कि ऐसे लोगों को जो जातिवादी द्वेष के कारण युवाओं को विदेशों में नौकरी के अवसर गँवाते हैं."

उन्होंने मांग की कि सरकार समिति से "विवादास्पद सदस्यों" को तुरंत हटाए और इसका पुनर्गठन करे.

पुणे स्थित कॉलेज ने एक पूर्व दलित छात्र के जातिगत पूर्वाग्रह के आरोपों और उसके नौकरी सत्यापन को रोके रखने के दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि उसने दस्तावेज़ ब्रिटेन स्थित नियोक्ता को भेज दिए थे और उसकी नौकरी नहीं गई थी.

मॉडर्न कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स के एक पूर्व बीबीए छात्र ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया था कि कॉलेज उसके लंदन स्थित नियोक्ता को संदर्भ सत्यापन भेजने में विफल रहा, जहाँ उसे हाल ही में भर्ती किया गया था.

इस घटना की राकांपा (सपा) नेता रोहित पवार ने आलोचना की, जिन्होंने कॉलेज पर "मनुवादी" विचारधारा दिखाने और पूर्व छात्र को परेशान करने का आरोप लगाया.

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