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`तामड़ी चामड़ी` और `गुलाबी` के बाद, धीरू का `जेवलीस का` मराठी इंडी म्यूज़िक में बड़ा धमाका

Updated on: 10 February, 2025 08:53 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

`तामड़ी चामड़ी` और `गुलाबी` जैसी हिट्स के बीच, मराठी इंडी म्यूज़िक में अब धीरू का नया सिंगल `जेवलिस का` धमाल मचाने को तैयार है.

X/Pics

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संगीतकार-गायक धीरू पेश करते हैं अपना नया इंडिपेंडेंट मराठी सिंगल `जेवलिस का`, जो मराठी संगीत जगत में एक नया और रोमांचक ध्वनि अनुभव है. इस पॉप एंथम को न केवल धीरू ने कंपोज़ किया है, बल्कि अपनी आवाज़ भी दी है. यह गीत एक अनोखे अंदाज़ में पारंपरिक मराठी संवेदनाओं को आधुनिकता से बख़ूबी जोड़ता है.  प्रसिद्ध फिल्मों के बैकग्राउंड स्कोर के संगीत निर्माण पर काम कर चुके धीरू ने इस गीत में रेट्रो फंक, डांस-पॉप और हाइपरपॉप तत्वों को मिलाकर एक ऐसा जोशीला व तुरंत दिल में बस जाने वाला अनुभव रचा है, जो श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर देगा. गीत की शुरुआत एक साधारण लेकिन गहरे मायने रखने वाले मराठी सवाल से होती है: जेवलिस का? जिसका हिंदी में मतलब होता है, क्या तुमने खाना खा लिया? यह सिर्फ एक सामान्य सवाल नहीं, बल्कि प्यार और देखभाल का सबसे सहज रूप है. धीरू ने इस रोज़मर्रा के सवाल को एक बातचीत जैसी, हुक-ड्रिवन धुन में बदल दिया है, जो नई भी लगती है और आसानी से गुनगुनाई जा सकती है. 

"मेरे दिमाग में यह हुक `जेवलिस का?` काफी समय से था. मैं कुछ ऐसा बनाना चाहता था जो युवा, ताज़ा और बातचीत जैसा लगे—ऐसे बोल जो आज की भाषा जैसे महसूस हों, लेकिन ज़बरदस्ती ट्रेंडी या नकली न लगे. यह संतुलन बनाना मुश्किल होता है, क्योंकि मराठी संगीत की गहरी गीतों की समृद्ध विरासत है. मैं उस असलीपन को बनाए रखते हुए एक युवा आकर्षण लाना चाहता था", धीरू साझा करते हैं.


 


 


नए दौर के मराठी संगीत की इस लहर का पहले ही एक मज़बूत श्रोता वर्ग बना चुका है, जिसका उदाहरण तामड़ी चामड़ी और गुलाबी साड़ी जैसे गानों की सफलता में देखा जा सकता है. इंडिपेंडेंट कलाकार पारंपरिक ढांचों को तोड़ते हुए और वैश्विक प्रभावों को अपनाते हुए मराठी संगीत को नए रास्तों पर ले जा रहे हैं. धीरू का मानना है कि `जेवलिस का` इसी बदलाव का हिस्सा है. "आज के श्रोता उन धुनों की ओर आकर्षित होते हैं जो भावनात्मक और संगीतात्मक रूप से जुड़ाव महसूस कराती हैं, फिर चाहे भाषा कोई भी हो. पंजाबी और हिंदी जैसी अन्य क्षेत्रीय संगीत इंडस्ट्रीज़ में यह बदलाव पहले ही आ चुका है, जहां विश्व के प्रभावों को सहजता से अपनाया गया है," वह कहते हैं, और उम्मीद करते हैं कि मराठी संगीत भी इसी दिशा में आगे बढ़ेगा.

धीरु का संगीत सफर बेहद शानदार रहा है. अपने नए इंडिपेंडेंट पॉप संगीत में कदम रखने के अलावा, उन्होंने कई चर्चित फिल्मों जैसे उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक, आर्टिकल 15 और टॉयलेट: एक प्रेम कथा के बैकग्राउंड स्कोर के म्यूज़िक प्रोडक्शन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उरी के बैकग्राउंड स्कोर ने राष्ट्रीय पुरस्कार (नेशनल अवॉर्ड) भी जीता था. धीरु ने ट्यूसडे नामक एक शॉर्ट फिल्म के लिए भी संगीत तैयार किया है, जिसे कान्स फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया था. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने यह सब धिरेंद्र मूलकलवार नाम से किया, और अब वे धीरु के रूप में मराठी पॉप संगीत के एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, अपने ताज़गी भरे और फ्यूचरिस्टिक (futuristic) साउंड के साथ.

धीरु मानते हैं कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव ने इंडिपेंडेंट कलाकारों के लिए क्षेत्रीय संगीत को नए अंदाज़ में परिभाषित करने का एक बेहतरीन अवसर दिया है. अब कलाकारों को प्रयोग करने, विभिन्न शैलियों को मिलाने और अपनी कहानियाँ अपनी शर्तों पर सुनाने की पूरी आज़ादी है. वह कहते हैं, "मैं इस दौर में संगीत बनाने का अवसर मिलने के लिए आभार महसूस करता हूं. अब हमें पारंपरिक गेटकीपर्स (gatekeepers) पर निर्भर नहीं रहना पड़ता – स्ट्रीमिंग सेवाओं, सोशल मीडिया और इंडी डिस्ट्रीब्यूशन ने किसी भी भाषा में बने संगीत को दुनिया भर के श्रोताओं तक पहुँचाना संभव बना दिया है.

धीरु द्वारा कंपोज़, गाया और प्रोड्यूस किया गया `जेवलिस का`, जिसके बोल अक्षयराजे शिंदे ने लिखे हैं और मिक्सिंग व मास्टरिंग प्रशांत नायर द्वारा की गई है, हाल ही में सभी प्रमुख स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज़ किया गया है.

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