Updated on: 06 July, 2025 05:43 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महाराष्ट्र में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों की जांच के लिए कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया है. यह समिति विधानसभा चुनावों में भाजपा द्वारा अनियमित तरीकों से लाभ उठाने के आरोपों की पड़ताल कर रिपोर्ट तैयार करेगी.
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची से कथित छेड़छाड़ के गंभीर आरोपों के बीच महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस मुद्दे की गहराई से जांच और समाधान के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस समिति की अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण कर रहे हैं. कांग्रेस का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर मतदाता सूची में अनियमितताएं करके विधानसभा चुनावों में सत्ता हासिल की.
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा द्वारा वोटर लिस्ट में हेरफेर और फर्जी वोटिंग जैसे कृत्यों के माध्यम से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर किया गया है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ चुनावी जीत नहीं बल्कि लोकतंत्र की चोरी है, जिसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
इस समिति में पृथ्वीराज चव्हाण के अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव प्रफुल गुड्डे पाटिल, पूर्व मंत्री अशोकराव पाटिल, प्रदेश महासचिव राजेश शर्मा, विधानसभा उम्मीदवार धनंजय शिरीष चौधरी, परीक्षित वीरेंद्र जगताप और समन्वयक के रूप में कांग्रेस महासचिव अभय छाजेड शामिल हैं. समिति का प्रमुख कार्य है मतदाता सूची में हुए कथित बदलावों, फर्जी नामों और निष्क्रिय मतदाताओं के वोट दर्ज होने जैसे मामलों की जांच करना और इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर पार्टी नेतृत्व को सौंपना.
कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग के समक्ष औपचारिक शिकायत भी दर्ज कराई है, लेकिन अब तक आयोग की ओर से कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली है. पार्टी का आरोप है कि भाजपा सुनियोजित तरीके से लोकतंत्र को प्रभावित कर रही है और चुनाव प्रणाली की निष्पक्षता को खतरे में डाल रही है.
पार्टी के अनुसार, यह समिति जमीनी स्तर पर अध्ययन कर यह पता लगाएगी कि वोटर लिस्ट में कैसे और कहाँ छेड़छाड़ हुई, किन क्षेत्रों में फर्जी वोटिंग के मामले सामने आए, और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति कैसे रोकी जा सकती है. समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस आगे की रणनीति तय करेगी और आवश्यकता पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
कांग्रेस ने यह स्पष्ट किया है कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
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