Updated on: 06 July, 2025 04:30 PM IST | Mumbai
Ranjeet Jadhav
मुंबई एयरपोर्ट पर एक बड़ी कार्रवाई में सीमा शुल्क अधिकारियों ने एक यात्री से 45 विदेशी वन्यजीव जब्त किए, जिनमें से कई जानवर दम घुटने से मृत पाए गए.
Pic/RAWW
मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई में अवैध वन्यजीव तस्करी के प्रयास को विफल करते हुए सीमा शुल्क अधिकारियों ने 45 दुर्लभ विदेशी जानवर जब्त किए. ये सभी जानवर एक यात्री के सामान में पाए गए, जो थाई एयरवेज की एक उड़ान से मुंबई पहुंचा था.
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गोपनीय सूचना के आधार पर सीमा शुल्क विभाग की विशेष टीम ने तड़के आए यात्री को संदेह के आधार पर रोका और उसके बैग की गहन जांच की. तलाशी में अधिकारियों को विदेशी प्रजातियों के कई जीव — जिनमें रैकून, हाइरेक्स (एक छोटा खरगोश जैसे स्तनधारी), ब्लैक फॉक्स गिलहरी और इगुआना शामिल हैं — अमानवीय परिस्थितियों में बंद मिले.
दुर्भाग्यवश, इनमें से कई जानवरों की दम घुटने और हवा की कमी के कारण मौके पर ही मौत हो गई थी. इन जानवरों को ऐसे बक्सों और थैलों में छिपा कर लाया गया था जो ना तो वेंटिलेशन के लिए अनुकूल थे और ना ही जीवित प्राणियों के लिए सुरक्षित.
मौके की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने तुरंत रेसक्विंक एसोसिएशन फॉर वाइल्डलाइफ वेलफेयर (RAWW) के विशेषज्ञों को बुलाया, जिन्होंने जीवित बचे जानवरों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की और उन्हें स्थिर करने का प्रयास किया. विशेषज्ञों की टीम ने जानवरों की शारीरिक स्थिति की जांच की और उन्हें अस्थायी रूप से सुरक्षित वातावरण में स्थानांतरित किया.
सीमा शुल्क अधिकारियों ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है और अब जीवित जानवरों को उनके मूल देश में सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस संबंध में संबंधित अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से संपर्क किया गया है.
RAWW के प्रतिनिधियों ने घटना को "वन्यजीव तस्करी की बर्बरता और बढ़ते खतरे" के रूप में वर्णित किया. उन्होंने कहा, "बार-बार कार्रवाई के बावजूद, तस्कर नई तरकीबें आजमा रहे हैं. हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और सख्त निगरानी तथा कानूनी सख्ती की आवश्यकता है."
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि कैसे दुर्लभ और विदेशी प्रजातियों की तस्करी, न केवल वन्यजीवों के लिए खतरा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए सरकार, एजेंसियों और आम नागरिकों को मिलकर अधिक सतर्कता और जागरूकता बरतने की आवश्यकता है.
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