इस वर्ल्ड इमोजी दिवस पर, हम आनंद एल राय के सिनेमाई जगत की कुछ सबसे प्रतिष्ठित फ़िल्मों और उनके द्वारा बदले गए इमोशन्स को एकदम सही इमोजीज़ के दंगल में डिकोड करते हैं.
तनु वेड्स मनु – ड्रामा अनलिमिटेड, फ़िल्टर ज़ीरो
शादी की भागदौड़ से लेकर ज़िंदगी की उलझनों तक, ये फ़िल्म हमें दे गई ‘तनु’ – एक आज़ाद रूह जो इमोजी होती तो होती. बेबाक़, बेपरवाह, और बिल्कुल यादगार.
रांझणा - द ओजी सिम्प सागा
कुंदन ने गहरे, एकतरफ़ा प्यार को नए सिरे से परिभाषित किया - उन्होंने बेबाकी से प्यार किया, कविताओं में बह गए, और दिल टूटने को लगभग वीरतापूर्ण बना दिया. ये इमोजी तब के लिए एकदम सही हैं जब आप पूरी तरह टूट चुके हों, लेकिन फिर भी व्हाट्सऐप पर शेर भेज रहे हों.
निल बटे सन्नाटा - हसल एंड होप
एक माँ. एक सपना. एक क्लासरूम. इस फिल्म ने हमें आशा, महत्वाकांक्षा और दृढ़ संकल्प की मिसाल दिया. उस समय के लिए जब भी लगे कि सब थम गया है, तो ये इमोजी याद दिलाते हैं — क्यों शुरू किया था.
तुम्बाड - लालच कभी नहीं सोता
डरावनी, गहरी और सिनेमाई कारीगरी का बेमिसाल नमूना. ‘तुम्बाड’ उन इमोजी के लिए है जो आपके डार्क मोड में रहते हैं – रहस्यमय, सिनेमैटिक और पूरी तरह सम्मोहित करने वाले.
लाल कप्तान - रस्मों के साथ बदला
शांत, तपी हुई आत्मा – सैफ अली ख़ान का नागा साधु वो इमोजी है जो कहता है, “शांति को कमज़ोरी मत समझो.” जब आत्मविश्वास हो, नज़र लक्ष्य पर हो, और वार करने का समय आ गया हो – ये इमोजी लगाइए.
अतरंगी रे - रंगों में अराजकता
रोमांस और पागलपन में लिपटी भावनाओं का बवंडर. जब दिल, दिमाग और दुनिया – सब एक ही समय पर घूम रहे हों लेकिन फिर भी मज़ा आ रहा हो, तो यही इमोजी मूड फिट बैठता है.
हैप्पी भाग जाएगी - जहां लड़ाई नहीं, भाग जाना है साही
भागी हुई दुल्हन सीमा पार अराजकता से मिलती है—बिना किसी योजना के और हर मोड़ पर शरारत. यह फिल्म आपके लिए आवेगपूर्ण पलायन का इमोजी है, जो थोड़ी पागल हो पर पूरी दिलचस्प.
और जब आप सोचते हैं कि इमोजी सेट पूरा हो गया है – आनंद एल राय फिर लौट आते हैं, कुछ नया लेकर. उनकी आने वाली फ़िल्में `तू या मैं` (डेटिंग का डर और प्यार का रोमांच) और `तेरे इश्क़ में` (दिल दहला देने वाला देसी इश्क़) एक बार फिर यही साबित करती हैं — कलर येलो की कहानियाँ देखी नहीं जातीं, महसूस की जाती हैं, शेयर की जाती हैं, और हमेशा के लिए सेव की जाती हैं.
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