Updated on: 24 July, 2025 11:32 AM IST | Mumbai
Shirish Vaktania
32 वर्षीय विजय चौहान की हत्या के मामले में, उसकी पत्नी चमन चौहान और उसके प्रेमी मोनू शर्मा ने एक-दूसरे का बचाव करते हुए विरोधाभासी बयान दिए हैं.
Pics/Hanif Patel
32 वर्षीय विजय चौहान की हत्या के मामले में, दोनों आरोपी - उसकी पत्नी चमन चौहान और उसका प्रेमी मोनू शर्मा - कथित तौर पर एक-दूसरे का बचाव कर रहे हैं और अपराध के बारे में विरोधाभासी बयान दे रहे हैं. चमन का दावा है कि उसने अपने पति को ज़हर दिया था, जबकि मोनू का कहना है कि उसने गला घोंटकर उसकी हत्या की थी. हालाँकि, पुलिस को संदेह है कि दोनों मनगढ़ंत कहानियाँ गढ़ रहे हैं और सच्चाई छिपा रहे हैं. पुलिस के अनुसार, मोनू शर्मा पढ़ाई में होशियार है और उसने बीएससी आईटी के दूसरे वर्ष में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं और वर्तमान में बीएससी आईटी के तीसरे वर्ष में है.
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चमन का बयान
चमन चौहान ने पेल्हार पुलिस को बताया कि उसकी और विजय की शादी को 10 साल हो गए हैं और उनका एक सात साल का बेटा है. उनकी शादी में तनाव था और वे अक्सर झगड़ते रहते थे. जनवरी में, उसे अपने पड़ोसी मोनू शर्मा से प्यार हो गया. विजय सुबह 7 बजे काम पर निकल जाता था और रात 9 बजे लौटता था, जबकि चमन और मोनू चोरी-छिपे मिलने लगे थे. उसने बताया कि उसके पति और उसके परिवार को उनके प्रेम-प्रसंग का पता चल गया था. विजय को उसके फ़ोन पर चैट और तस्वीरें मिल गई थीं, जिसके चलते उसने कथित तौर पर उसकी हत्या की योजना बनाई.
चमन ने दावा किया कि उसने अपने पति के खाने में ज़हर मिलाकर उसकी हत्या कर दी. उसकी मौत के बाद, उसने बताया कि उसने पानी की टंकी बनाने के बहाने एक मज़दूर को ज़मीन खोदने के लिए बुलाया था. बाद में उसने शव को दफ़ना दिया और अपने देवर की मदद से टाइलें लगवा दीं, हालाँकि उसने ज़ोर देकर कहा कि उसे अपराध की जानकारी नहीं थी.
उसने पुलिस को यह भी बताया कि उसने अकेले ही यह काम किया और हत्या में मोनू का कोई हाथ नहीं था. चमन ने पुलिस से मोनू को रिहा करने की भी गुहार लगाई और कहा कि वह उससे बहुत प्यार करती है.
मोनू का विरोधाभास
मोनू शर्मा ने दावा किया कि उसने एक झगड़े के दौरान विजय चौहान का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. उसके अनुसार, वह विजय के घर गया था जब चमन सब्ज़ी खरीदने बाज़ार गया था. दोनों के बीच बहस बढ़ गई और मोनू ने दावा किया कि उसने गुस्से में विजय का गला घोंट दिया.
पुलिस को इस घटनाक्रम पर संदेह है, और उनका कहना है कि विजय शारीरिक रूप से मज़बूत और लंबा-चौड़ा था, जबकि मोनू अकेले उस पर काबू पाने में सक्षम नहीं था. मोनू ने भी पुलिस को बताया कि उसने अकेले ही यह काम किया और चमन को रिहा करने की गुहार लगाई, यह दावा करते हुए कि चमन का इसमें कोई हाथ नहीं था.
पेल्हार पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने विजय चौहान के कॉल रिकॉर्ड की जाँच की और पाया कि 2 जुलाई को उसका मोबाइल बंद था. हमारा मानना है कि आरोपियों ने उसे नींद की गोलियाँ दीं और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. फिर शव को घर के फर्श के नीचे दबा दिया गया."
यह घटना तब प्रकाश में आई जब विजय चौहान के परिवार को उसकी पत्नी चमन चौहान के पास उसका मोबाइल फोन और तीन नई टाइलें मिलीं. विरोधाभासी बयानों के बावजूद, पुलिस को संदेह है कि चमन और मोनू दोनों ही हत्या में शामिल थे और झूठे बयान देकर एक-दूसरे को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
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