शिखर मिश्रा अपने काम से कानपुर में फैला रहे हैं थिएटर आर्ट के प्रति जागरुकता.
बीकॉम के छात्र रहे शिखर ने ड्रामा सीखने की शुरुआत अपने स्कूल से ही कर दी थी. केंद्रीय विद्यालय में पढ़ते हुए वह प्ले, नुक्कड़ नाटक करते रहे. इसके बाद वह दिल्ली चले गए. शिखर ने अपने ड्रामा करियर की शुरुआत 2008 से की. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी उन्होंने ड्रामा सीखने और सिखाने का काम किया.
दिल्ली में ‘ड्रामा टर्जी’ थिएटर के साथ 4 साल तक सीखते हुए काम भी किया. उन्होंने एनएसडी के कई बड़े टीचर्स से भी ड्रामा सीखा है. उन्होंने दिल्ली में ही कई वर्कशॉप्स भी अटेंड की और यहां उन्होंने नाटक करने की बारीकियां सीखीं.
इसके साथ ही शिखर ने ‘ब्लैक पर्ल’, ‘थिएटर लीला’, ‘ब्लैक चॉक’ जैसे थिएटर्स के साथ काम भी किया किया. यहीं से 2017 में उनके थिएटर सिखाने की जर्नी भी शुरू हो गई. वह कुछ वेब सीरीज और शॉर्ट फिल्म्स के लिए भी काम कर चुके हैं. अपने कई ड्रामा के लिए शिखर को बेस्ट डॉयरेक्टर और बेस्ट एक्टर का भी अवॉर्ड मिला है.
नाट्य शास्त्र के प्रति रुझान के चलते उन्होंने ड्रामा करने के साथ ही उसे जीने की सोच बरकरार रखी है. पीयूष मिश्रा को अपना आदर्श मानकर वह ड्रामा सीखने का काम करते रहे. इसके बाद उन्होंने इग्नू से एक साल का एक्टिंग डिप्लोमा भी किया.
‘स्कॉलर्ड सेशन’ नाम से एक उनकी एक पैरेंट कंपनी है जिसके अंतर्गत उनका थिएटर स्टूडियो है. साथ ही ड्रामा स्कूल भी है जहां अपने स्टूडेंट्स को नाटक विधाएं सिखाने और उसे निखारने का भी काम वह करते हैं. सामाजिक मुद्दों पर भी वह कई एनजीओ के साथ मिलकर भी काम करते हैं. खुद शिखर का मानना है कि ड्रामा हमें अपनी लाइफ को समझने और किसी भी गलत राह पर चलने से बचाता है.
उनके इंस्टाग्राम फैंस भी उन्हें बहुत प्यार देते हैं. शिखर इंस्टाग्राम का फेमस चेहरा भी हैं. शिखर_थिएटरवाला (Shikhar_Theatrewala) के नाम से उनका इंस्टापेज भी करते हैं. शिखर का मानना है कि ड्रामा आपके शारीरिक स्वास्थ के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने का काम करता है.
शिखर का मानना है कि एक अच्छा टीचर होना भी एक आर्ट है. एक अच्छा टीचर अपने स्टूडेंट्स को मजधार में नहीं छोड़ता. अपनी इसी सोच के कारण ड्रामा सीखने के साथ ही उन्होंने खुद को अच्छा टीचर बनाने की कला पर भी काम किया. इस समय वह अपने स्टूडेंट्स को उसी तरह गाइड भी कर रहे हैं. अब तक 2 हजार से ज्यादा बच्चों को ड्रामा की स्किल्स सिखा चुके हैं. उनके ज्यादातर स्टूडेंट अपने करियर में आगे बढ़ रहे हैं और ड्रामा में ही अपने करियर को बेहतर बना रहे हैं.
‘मैं अटल हूं’ फिल्म को लेकर शिखर ने बताया कि लखनऊ में अपने भाई के कहने से फिल्म का ऑडिशन दिया. ऑडिशन में वह सिलेक्ट हो गए. इसमें उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के दोस्त सुधीर महतो का किरदार भी निभाया है, जो कि पिछड़ी जाति से है. सुधीर महतो अटल बिहारी वाजपेयी के लॉ कॉलेज के दिनों के दोस्त थे. उन दिनों को दिखाने वाले सीन में शिखर मिश्रा ने पंकज त्रिपाठी के साथ भी कुछ शूट लखनऊ में ही किए.
अपने काम को लेकर शिखर काफी उत्साहित हैं और पंकज त्रिपाठी के साथ काम करने के लिए शिखर मिश्रा अपने आप को सौभाग्याशाली मानते हैं. पंकज त्रिपाठी के बारे में बात बताते हुए शिखर ने कहा, “वह बहुत ही सामान्य हैं, उतने ही विनम्र भी. काम में वह काफी धीर-गंभीर हैं. वह जितने गंभीर हैं, उतने ही आध्यात्मिक भी हैं. पंकज त्रिपाठी को मैं अपने गुरु की तरह देखता हूं. उनके ही वीडियोज को देखकर मैं और सीखने की कोशिश करता हूं.”
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