गुलज़ार साहब और हेमा मालिनी
मुम्बई की एक शाम गुलज़ार हुई जहां गुलज़ार साहब के जीवनी पर लिखी किताब गुलजार साब- हज़ार राहें मुड़ के देखी का विमोचन हुआ और इस शाम को अपनी खूबसूरती से बागबान किया ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी ने जो इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर आई. गुलज़ार साहब की चार फिल्मों में नायिका के तौर पर हेमा जी ने अपनी गहरी छाप छोड़ चुकी हैं.
हेमा मालिनी ने इस मौके पर पुरानी बातों को याद किया. हेमा मालिनी ने 1975 में आई अपनी फिल्म ‘खुशबू’ को लेकर भी चर्चा की, उन्होंने बताया कि," एक जमाने में हीरोइन लंबे बाल और हाई मेकअप को लेकर ज्यादा सजग रहती थीं . अगर हमारे बाल लंबे नहीं होते थे तो हम बालों में विग लगाकर रहते थे. जब मैं गुलजार के सेट पर गई तो उन्होंने मुझे लंबे बाल रखने से मना कर दिया. गुलजार ने कहा, कोई दिखावा करने की जरूरत नहीं जैसे हो वैसे रहो. फिर मेरी मां मुझे मेकअप रूम लेकर गईं और उन्होंने मेरी साड़ी भी बदलवा दी क्योंकि वो सिंपल लग रही थीं.
हेमा मालिनी ने बताया कि सेट पर गुलज़ार उनकी किस बात को नापसंद करते थे. एक्ट्रेस ने बताया जब वो डांस करतीं थीं तो उनकी आंखें ऊपर चढ़ जाती थी, लेकिन गुलजार को ये पसंद नहीं आता था तो वो हेमा मालिनी को कई टेक लेने के लिए बोलते थे
गुलज़ार साहब ने भी दिल को छू लेने वाली बात कही. अपने साहित्यिक सफर के एक गहरे पहलू के बारे में उन्होंने कहा कि,"यदि फिल्मकार एवं संगीतकार विशाल भारद्वाज उन्हें प्रेरित नहीं करते तो वह अपने कॅरियर में संन्यास लेने के बाद शायद गुमनामी में खो गए होते."
गुलज़ार ने कहा कि," विशाल भारद्वाज ने उन्हें एक गीतकार के रूप में अपना कॅरियर जारी रखने के लिए प्रेरित किया." विशाल भारद्वाज ने कहा कि," गुलजार के साथ काम करना उनका सपना था और उनके साथ लंबे समय तक जुड़ाव पाकर वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं."
गुलजार साहब: हजार राहें मुड़ के देखीं…’ पुस्तक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता यतींद्र मिश्रा द्वारा लिखी गई है और वाणी प्रकाशन समूह ने इसे प्रकाशित किया है. कार्यक्रम में अयोध्या के राजपरिवार बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ,विशाल भारद्वाज, उनकी पत्नी गायिका रेखा भारद्वाज, केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमुख और गीतकार प्रसून जोशी, निर्देशक सुभाष घई, शीन काफ निजाम,लोक गायिका मालिनी अवस्थी, गीतकार मनोज मुंतशिर, कथाकार अमीश त्रिपाठी भी शामिल हुए.
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