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पुत्र प्राप्ति, सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है छठ पूजा व्रत, जानिए किन बातों का रखा जाता है खास ख्याल

Updated on: 19 November, 2023 09:17 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

छठ पूजा (chhath puja) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से षष्ठी तिथि तक मनाया जाता है. यह त्योहार 17 नवंबर से शुरु हो रहा है. पूजा तीन दिन तक चलेगी.

तस्वीर/अतुल कांबले

तस्वीर/अतुल कांबले

भारत की परंपराएं और मान्यताएं इसे अन्य देशों से अलग बनाती हैं. कार्तिक छठ पूजा भी इन्ही त्योहारों में से एक है. छठ पूजा (chhath puja) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से षष्ठी तिथि तक मनाया जाता है. यह त्योहार 17 नवंबर से शुरु हो रहा है. पूजा तीन दिन तक चलेगी. 

19 नवंबर को शाम का अर्घ दिया जाएगा और 20 नवंबर को सुबह अर्घ दिया जाएगा. इस व्रत के कुछ खास और काफी कड़े नियम भी हैं. छठ पूजा का ये व्रत काफी कठिन होता है. आइए आपको बताते हैं कि इस व्रत को करते समय किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.  


  • इस व्रत को जो भी महिलाएं करती हैं, वे रोज के इस्तेमाल किए बर्तनों में खाना नहीं बनाती हैं. इन चार दिनों के दौरान जो भी खाना बनाता है, उसके लिए नए बर्तनों का ही प्रयोग करते हैं.
  • व्रत शुरू होने से पहले पूरे घर की सफाई और शुद्धी भी की जाती है. 
  • नॉनवेज खाने वाले लोग भी काफी पहले से नॉनवेज छोड़कर शुद्धता के साथ पूजन करते हैं.  
  • यदि किसी के घर में एक साल के भीतर ही मृत्यु हुई हो तो वहां यह त्योहार नहीं किया जाता है. 
  • व्रत में सूर्य देव को भोग लगाने के लिए जो ठेकुआ (पुए जैसी मिठाई) बनते हैं. उसके आटे के लिए घर पर ही गेहूं साफ किया जाता है. इस गेहूं में कोई कंकड़ नहीं आना चाहिए. इस गेहूं को कोई पक्षी जूठा न कर दे इसका भी ध्यान रखा जाता है. अगर ऐसा हो जाए तो उस गेहूं का इस्तेमाल प्रसाद बनाने में नहीं करते हैं. 
  • महिलाएं व्रत के दूसरे दिन जब रात्रिभोज को बैठती हैं, तब भोजन के दौरान शांति होनी चाहिए. यदि वह कहीं से भी कोई आवाज सुन लेती हैं तो भोजन से उठ जाती हैं. 

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