अदालत ने यह भी कहा था कि बीएमसी जरूरत पड़ने पर स्थानीय पुलिस से सुरक्षा मांगे. यह आदेश 13 अगस्त तक लागू रहेंगे. (Pics/Kirti Surve Parade)
बीएमसी की इस कार्रवाई से पहले ही इलाके में दो विरोध प्रदर्शनों की घोषणा हो चुकी थी—पहला, जैन समुदाय द्वारा रविवार को महाआरती के रूप में और दूसरा, दादर निवासियों द्वारा बुधवार को “बीएमसी की चुनिंदा कार्रवाई” के खिलाफ.
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि कबूतरखाने में दाना डालने वालों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
जैन मंदिर ट्रस्ट ने प्लास्टिक शीट फाड़ने वाली भीड़ से खुद को अलग बताया है, लेकिन ट्रस्टी संदीप दोशी ने बीएमसी पर अदालत में अपना पक्ष स्पष्ट न रखने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, “हमने हमेशा नगर निकाय के फैसलों का पालन किया है और शांतिपूर्ण विरोध के जरिए निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है. मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन बीएमसी नहीं कर रही.”
एक अन्य याचिकाकर्ता स्नेहा विसाविया ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाया था, लेकिन अदालत ने उन्हें हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के फैसले का इंतजार करने को कहा.
इस कारण वे सोमवार को बीएमसी से दाना डालने की अनुमति नहीं ले सके और अब मंगलवार को आवेदन करेंगे.
बीएमसी ने इस मामले में अब तक तीन एफआईआर दर्ज की हैं—एक डी वार्ड (ताड़देव और मालाबार हिल) में और दो जी नॉर्थ वार्ड (दादर) में. कुल 32,000 रुपये का जुर्माना वसूला गया है,
जबकि 3 जुलाई से अब तक यह राशि 1,56,400 रुपये हो गई है. अगस्त में सबसे अधिक जुर्माना पी साउथ वार्ड (गोरेगांव) और जी नॉर्थ वार्ड (दादर पश्चिम) में वसूला गया.
स्थानीय नागरिकों का मानना है कि बीएमसी की कार्रवाई केवल जैन समाज को निशाना बना रही है, जबकि वास्तविक समस्या पैदा करने वालों पर सख्ती नहीं की जा रही. यह विवाद अब कानूनी और सामाजिक टकराव का रूप ले चुका है, जिसकी अगली अहम सुनवाई 13 अगस्त को होनी है.
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