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Dhumavati Jayanti 2024: `अन्न दान` से लेकर `महिलाओं के सम्मान` तक, धूमावती जयंती पर करें ये उपाय

Updated on: 14 June, 2024 10:28 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

धूमावती देवी को विधवाओं की देवी माना जाता है. इस दिन विधवा महिलाओं का सम्मान करें और उन्हें वस्त्र या अन्य आवश्यक चीजें दान करें.

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Dhumavati Jayanti 2024: धूमावती जयंती हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो देवी धूमावती की पूजा और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है. धूमावती देवी को हिन्दू धर्म में दस महाविद्याओं में से एक माना जाता है. धूमावती जयंती के दिन देवी धूमावती की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्ट और समस्याएं दूर होती हैं. इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से देवी धूमावती की कृपा प्राप्त होती है.

धूमावती जयंती पर किए जाने वाले उपाय निम्नलिखित हैं:


1. धूमावती देवी की प्रतिमा या चित्र की स्थापना


धूमावती जयंती के दिन प्रातःकाल स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजन स्थल को साफ करें. इसके बाद देवी धूमावती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. प्रतिमा या चित्र को पीले या सफेद वस्त्र पर रखें और उनके सामने दीपक जलाएं.

2. विशेष पूजा और अर्चना


धूमावती देवी की पूजा में काले तिल, काले उड़द, और काले वस्त्रों का उपयोग किया जाता है. देवी को गुड़, सत्तू और काले तिल का भोग लगाएं। धूप, दीप, नैवेद्य और फूल अर्पित करें. देवी की आरती करें और भोग चढ़ाएं. पूजा के दौरान धूमावती देवी के मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है.

3. मंत्र जाप

धूमावती जयंती के दिन देवी धूमावती के मंत्रों का जाप करना चाहिए. धूमावती देवी का प्रमुख मंत्र है: "ॐ धूं धूं धूमावती ठः ठः" इस मंत्र का 108 बार जाप करें. यह मंत्र जाप करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं और देवी की कृपा प्राप्त होती है.

4. अन्न दान

धूमावती जयंती के दिन गरीबों और जरुरतमंदों को भोजन का दान करें. अन्न दान का विशेष महत्व है और यह देवी की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण उपाय है. इस दिन चने की दाल, गुड़, और काले तिल का दान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है.

5. सात्विक आहार

धूमावती जयंती के दिन सात्विक आहार ग्रहण करें. लहसुन, प्याज, मांसाहार और मदिरा का सेवन न करें. इस दिन व्रत रखने का भी विशेष महत्व है. व्रत रखने से शरीर और मन की शुद्धि होती है और देवी की कृपा प्राप्त होती है.

6. समाज सेवा

इस दिन समाज सेवा के कार्य करें जैसे कि वृद्धाश्रम, अनाथालय, या अस्पताल में जाकर जरुरतमंदों की मदद करें. समाज सेवा के कार्य करने से देवी धूमावती की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

7. विधवा महिलाओं का सम्मान

धूमावती देवी को विधवाओं की देवी माना जाता है. इस दिन विधवा महिलाओं का सम्मान करें और उन्हें वस्त्र या अन्य आवश्यक चीजें दान करें. इससे देवी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति आती है.

8. काले तिल और सरसों का उपाय
धूमावती जयंती के दिन काले तिल और सरसों को सरसों के तेल में मिलाकर अपने घर के मुख्य द्वार पर छिड़काव करें. यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है.

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