Updated on: 27 February, 2024 06:40 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन का न सिर्फ शिव भक्त बल्कि सभी लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। शिवरात्रि के शुभ दिन पर भक्त व्रत रख रहे हैं और भोलेनाथ की पूजा का भी महत्व है.
प्रतिकात्मक तस्वीर
हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन का न सिर्फ शिव भक्त बल्कि सभी लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। शिवरात्रि के शुभ दिन पर भक्त व्रत रख रहे हैं और भोलेनाथ की पूजा का भी महत्व है.
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इस वर्ष महाशिवरात्रि कब है?
इस साल महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है. 8 मार्च या 9 मार्च किस तारीख को मनाया जाएगा महाशिवरात्रि का त्योहार? इसको लेकर लोग असमंजस में हैं. लेकिन आपको बता दें कि इस साल भोलेनाथ की महा शिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है.
इस दिन का पौराणिक महत्व क्या है?
आपको बता दें कि महाशिवरात्रि के शुभ दिन पर कहा जाता है कि भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान के 12 ज्योतिर्लिंग भी प्रकट हुए थे.
यह वही दिन (महाशिवरात्रि 2024) है जब माता पार्वती ने कठोर तपस्या के फल के रूप में भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था. इस दिन विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए विशेष व्रत रखती हैं.
इस साल महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त क्या है?
इस साल महाशिवरात्रि चतुर्दशी 8 मार्च को पड़ रही है, आपको बता दें कि तिथि रात 9.57 बजे शुरू हो रही है और तिथि शाम 6.17 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार 8 मार्च को ही महाशिवरात्रि मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाएगी.
कब करेंगे पूजा?
महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) के दिन पूजा के लिए अधिकतर उदया तिथि ही मानी जाती है. इस साल 8 मार्च को शाम 06:25 से रात 09:28 तक पूजा का शुभ योग है.
आप कैसे पूजा करते हैं?
भोलेनाथ की असीम कृपा पाने के लिए महाशिवरात्रि के दिन सुबह सबसे पहले स्नान करें और पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव के सामने व्रत रखें. फिर शुभ मुहुर्त के अनुसार पूजा करें. सबसे पहले भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए. इसके अलावा केसर मिश्रित जल भी अर्पित किया जा सकता है। इसके साथ ही दीपक भी जलाना चाहिए.
बिलिपत्र, भांग, धतूरो ये भगवान शंकर को प्रिय वस्तुएं हैं. तीन सुपारी, भांग, धतूरा, जायफल, कमल के पत्ते, फल, मिठाई, मीठे पत्ते आदि भी चढ़ा सकते हैं.
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