होम > लाइफस्टाइल > धर्म > आर्टिकल > साम्बा दशमी: इस दिन करें सूर्य देव की पूजा प्राप्त होगा आरोग्य, जानें पौराणिक कथा

साम्बा दशमी: इस दिन करें सूर्य देव की पूजा प्राप्त होगा आरोग्य, जानें पौराणिक कथा

Updated on: 17 January, 2024 04:06 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

पौष मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को साम्बा दशमी (samba dashami) मनाई जाती है. इस दिन सूर्य देव की पूजा का काफी महत्व होता है. सूर्य देव पौष माह की दशमी को आदित्य रूप में प्रकट होते हैं. इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य प्राप्त होता है.

भगवान कृष्ण और सूर्य देव

भगवान कृष्ण और सूर्य देव

की हाइलाइट्स

  1. पौष माह की दशमी को आदित्य रूप में होते हैं सूर्य देव
  2. साम्बा दशमी पर सूर्य देव की पूजा से रहते हैं निरोग
  3. सूर्य देव के आशीर्वाद से साम्बा को मिला था निरोगी होने का वरदान

कहा जाता है हिन्दू धर्म में हर दिन एक त्योहार होता है, इसी क्रम में पौष मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को साम्बा दशमी (samba dashami 2024) मनाई जाती है. इस दिन सूर्य देव की पूजा का काफी महत्व होता है. सूर्य देव पौष माह की दशमी को आदित्य रूप में प्रकट होते हैं. इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य प्राप्त होता है. इस बार साम्बा दशमी 20 जनवरी 2024 को है. 

मान्यता है कि अब प्रश्न आता है कि साम्बा श्रीकृष्ण के पुत्र थे. उन्हें इस दिन ही सूर्यदेव से आरोग्य प्राप्त हुआ था. इसलिए साम्ब दशमी के दिन सूर्य उपासना को बहुत लाभकारी माना गया है. पौराणिक कथाओं की मानें तो श्रीकृष्ण के पुत्र का नाम साम्बा था. साम्बा ऋक्षराज जाम्बवन्त की पुत्री जाम्बवती और कृष्ण के पुत्र थे. वह रूपवान, गुणवान और पराक्रमी थे लेकिन वह काफी उदण्डी भी थे. इसके कारण श्रीकृष्ण ने ही अपने बेटे को कोढ़ी होने का श्राप दे दिया था. काफी समय तक सूर्य की पूजा करने के प्रभाव से वे रोगमुक्त हो गए थे.


हमें सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए, ऐसा हिन्दू पुराणों में भी दिया गया है. हमें सूर्यदेव की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए. इसके लिए भी कुछ खास नियम हैं. आइए आपको बताते हैं इन खास नियमों के बारे में...


  • सूर्य देव को जल सुबह ही चढ़ाना चाहिए. सूर्योदय के काफी समय बाद जल चढ़ाने से विशेष लाभ नहीं मिल पाता. 
  • सूर्य देव को जल चढ़ाते समय सूर्य देव के 13 मंत्रों का भी जाप करना चाहिए. ध्यान रखें कि उच्चारण सही हो.
  • सूर्य देव को जल चढ़ाने के बाद जो जल जमीन पर गिर जाए उसे थोड़ा सा लेकर अपने मस्तक पर भी लगाना चाहिए.
  • सूर्य देव को जल चढ़ाते समय दिशा का ध्यान रखना चाहिए. हमें सूर्य देव को जल पूर्व दिशा में ही सर करके चढ़ाना चाहिए.
  • सूर्य देव को रोज़ नियम से जल चढ़ाना चाहिए. जाना सूर्य को जल चढ़ाने से सूर्य देव का प्रभाव शरीर में भी बढ़ता है. इससे आप में ऊर्जा की वृर्द्धि होती है.
  • सूर्य देव को चल चढ़ाते समय लोटे में अक्षत, रोली ज़रूर डाल लेना चाहिए. केवल जल देवताओँ को समर्पित नहीं करना चाहिए.  

 


अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK