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सफला एकादशी 2024 पर करें भगवान श्री नारायण की पूजा, यहां जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Updated on: 05 January, 2024 02:51 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

इस व्रत का पालन करने से भक्त को जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है.

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की हाइलाइट्स

  1. सफला एकादशी पर लोगों को भोजन कराएं
  2. भोजन या भंडारा करना फलदायी माना जाता है
  3. व्रत को पूरे विधि विधान के साथ करें

Saphala Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को विशेष महत्व प्राप्त है, और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. एकादशी के दिन, भक्त भगवान विष्णु के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए उपवास भी करते हैं. 2024 में सफला एकादशी, पौष माह में मनाई जाएगी और इसे "सफला" कहा जाता है क्योंकि इस व्रत का पालन करने से भक्त को जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है.

इस वर्ष सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त: पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 07 जनवरी 2024 को रात 12:41 बजे से आरंभ हो रही है, और इसका समापन 08 जनवरी 2024 को 12:46 AM पर होगा. इसलिए, सफला एकादशी (सफला एकादशी 2024) का व्रत उदय तिथि के अनुसार 07 जनवरी, यानी रविवार, को मनाया जाएगा.


सफला एकादशी क्यों?: हिंदू मान्यताओं के अनुसार, सफला एकादशी व्रत की महिमा से भगवान विष्णु ने राक्षस लुम्पक को उसके पापों से मुक्त कर दिया था, जिससे वह फिर से अपने पिता के साथ राज्य में रहने लगा. इन सभी घटनाओं को जानकर उनके पिता ने उन्हें भी राज्य का कार्यभार सौंप दिया और स्वयं हरि भजन करने के लिए वन में चले गए. सफला एकादशी 2024 पर भगवान अच्युत या भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, इसके साथ ही इस दिन श्रीहरि की पूजा भी की जाती है. ऐसी भी मान्यताएं हैं कि सफला एकादशी की रात जागरण करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन भक्त पूजा, हवन और भंडारे का आयोजन करते हैं.


सफला एकादशी के दिन कैसे करें पूजा?: सफला एकादशी (Safala Ekadashi 2024) के दिन, सबसे पहले स्नान करके व्रत करने का संकल्प लिया जाता है. फिर भगवान विष्णु की पूजा की तैयारी करनी चाहिए. इस दिन विशेष रूप से भगवान को धूप, दीप, फल और पंचामृत आदि अर्पित किया जाता है. यह भी कहा जाता है कि इस दिन रात्रि जागरण करना बहुत लाभकारी होता है. इसके साथ ही श्री हरिण या भगवान विष्णु के नाम का जाप या श्रवण किया जाता है. सफला व्रत के दूसरे दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए। साथ ही इस व्रत के अनुसार दान-दक्षिणा देकर व्रत पूरा करना चाहिए. सफला एकादशी पौष मास के कृष्ण पक्ष में आती है, जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, और इस व्रत का पालन करने वाले व्यक्ति को सफलता मिलती है, विशेषकर नौकरी, व्यापार और शिक्षा संबंधी क्षेत्रों में.


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