यह नजारा न केवल पक्षी प्रेमियों के लिए, बल्कि हर पर्यटक के लिए एक शानदार अनुभव बन गया है. देखें तस्वीरें- (Pics/ Darshan Ambre)
ठाणे क्रीक लगभग 17 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यह लगभग 200 पक्षी प्रजातियों के लिए प्राकृतिक आवास प्रदान करता है. इनमें से कई प्रजातियां प्रवासी हैं, जो अपनी यात्रा के दौरान यहां रुकती हैं.
इनमें से सबसे प्रसिद्ध और आकर्षक फ्लेमिंगो है, जिसे स्थानीय रूप से `रोहित` कहा जाता है. यह सुंदर और लंबा गुलाबी रंग का पक्षी अपनी विशिष्टता के कारण पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है.
इसकी चोंच नीचे की ओर मुड़ी होती है और इसका शरीर लंबे पैर, सुंदर गर्दन, बड़े पंख और छोटी पूंछ से सुसज्जित होता है.
ठाणे क्रीक के समृद्ध मैंग्रोव क्षेत्र में पक्षी जीवन के संरक्षण के लिए `मैंग्रोव सेल` द्वारा एक बड़ी परियोजना शुरू की गई है.
इस क्षेत्र में पक्षियों के लिए बेहतर आवास सुविधाएं तैयार की जा रही हैं, जिससे उनकी संख्या बढ़ाने में मदद मिल रही है.
सिंधुदुर्ग जिले में स्थित ‘मालवन समुद्री अभयारण्य’ के बाद, ठाणे क्रीक को महाराष्ट्र का दूसरा समुद्री अभयारण्य बनने का गौरव प्राप्त हुआ है. यह महाराष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय स्थल है.
ठाणे क्रीक को पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षक स्थल बनाया गया है, जहां बर्डवॉचिंग और ‘फ्लेमिंगो बोट राइड्स’ जैसी गतिविधियों का आनंद लिया जा सकता है.
15 अगस्त, 2022 को ठाणे क्रीक को रामसर वेटलैंड साइट के रूप में नामित किया गया. रामसर वेटलैंड साइट के तहत यह स्थल अब एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्व रखता है.
ठाणे क्रीक, जो लगभग 6,500 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है, महाराष्ट्र का तीसरा और भारत का 72वां रामसर स्थल है. यह महानगरीय क्षेत्र में स्थित पहला रामसर स्थल भी है, जो इसके पर्यावरणीय महत्व को और बढ़ाता है.
ठाणे क्रीक अभयारण्य न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना है, बल्कि यह पक्षी जीवन के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
यहाँ की शांतिपूर्ण और सुरम्य वातावरण में एक अद्भुत अनुभव मिलता है, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग से कम नहीं है.
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